कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
मंगलवार को रक्तवीर शिवम कुमार ने सदर अस्पताल भभुआ में ईंट भट्टी पर काम करने वाले मजदूर की पत्नी कान्ति देवी को डिलेवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार को आपरेशन के माध्यम से बच्चा को जन्म दी। उसके बाद डाॅक्टर ने महिला के परिजनों को बताया कि उसे डिलेवरी पेशेंट को A+ रक्त की सख्त अवश्यकता है। जो उस मजदूर के घर में कोई ब्लड डोनेशन करने वाला नहीं था। ये मजदूर जिला गया के रहने वाला है यहाँ रामगढ़ में ईंट भट्टी पर मजदूर का काम करता है। तीन दिनों से इसका कोई मदद नहीं कर रहा था। ये मजदूर बहुत गिड़गिड़ा कर रो रहा था कि कोई मेरी मदद करो नहीं तो मेरी पत्नी और बच्चे की जान चली जाएंगी।
रक्तवीर शिवम कुमार को इस घटना की सूचना मिला तो तुरंत सदर अस्पताल में जा कर प्रतिजनो से मिल कर हर सम्भव मदद करने के साथ ही रक्त की इंतजाम करने के लिए सरकारी बल्ड बैंक में पता किये तो A+ रक्त उपलब्ध नहीं था। आपको हम बता दें कि कुछ दिन पहले ही रक्तदान शिविर आयोजित किया गया था जिसमें 6 यूनिट रक्त संग्रहण हुआ था। डोनर कार्ड होने के बावजूद भी A+ रक्त उपलब्ध नहीं हो पाया। इसके बाद शिवम ने A+ रक्त डोनेशन के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक व प्रेरित किये और कई ग्रूप में भी इस मैसेज को डाला गया था। रात को अखलासपुर के निवासी ज्योति तिवारी ने अपना रक्तदान करके इस डिलेवरी पेशेंट को और उसके बच्चे के लिए जीवन में मुस्कान व दो जिंदगी को बचाया गया। लैब टेक्नीशियन अजय कुमार शर्मा, उपस्थित रहें । शिवम कुमार ने साझा किया कि ब्लड बैंक में रक्त की विशेषतः A और B ग्रुप की किल्लत है और जबतक लोग आगे आकर दान नही करेंगे तो ज़रूरत पड़ने पर उपलब्धता नही हो पाएगी।यदि सभी महाविद्यालय और युवा आगे बढ़कर आते तो ये समस्या नही आती। बिहार के सभी जिलों में कैमूर का रक्तदान न्यूनतम पायदान पर है। लोगों को रक्तदान के लिए आगे कदम बढ़ाने के लिये कहा मौका दीजिये अपने लहू को किसी और के रगों में बहने का और जोड़िये खून का रिश्ता।रक्तदान करके किसी की जान बचाने का पुण्यलाभ लें। रक्त की जरूरत होने पर ब्लड बैंक में खून देकर ही रक्त मिलता है।
कई बार आपात स्थिति में रक्तदाता की तलाश करना संभव नहीं हो पाता है। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त उपलब्ध नहीं होने के कारण कई लोगों की जान चली जाती है। रक्त की अवश्यकता इन लोगों को ज्यादा होती हैं। थैलीसीमिया, प्रसूताओं, दुर्घटनाग्रस्त, लावारिस, गंभीर मरीजों, बंदियों आदि को बिना डोनर के रक्त उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में रोजाना कई यूनिट रक्त की जरूरत होती है, जिसे स्वैच्छिक रक्तदान के जरिए ही जुटाया जाता है। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति के रक्तदान करने से चार लोगों की जान बचाई जा सकती हैं। शिवम ऐसे कई मानव कल्याण व समाजिक कार्यों के प्रति हमेशा निःस्वार्थ भाव से सेवा करने के लिए तत्पर रहते हैं।





























