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बिहार:सिवान जेल में 1200 कैदियों समेत 1500 लोगों को खिलायी गयी अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा

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  • डीएमओ एवं डीभीबीडीसी के नेतृत्व में गठित स्वास्थ्य टीम ने कैदियों को खिलाई अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा
  • शत-प्रतिशत कैदियों को दवाई खिलाने के लिए की गई है चार सदस्यीय स्वास्थ्य टीम की तैनाती

सीवान:जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियान को सफल बनाने के लिए लगातार स्वास्थ्य टीम द्वारा घर-घर जाकर इस बीमारी से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा खिलाई जा रही है। ताकि एक भी लोग दवाई खाने से वंचित नहीं रहें और अभियान सफल हो सके। इसी कड़ी में शनिवार को सीवान मंडल कारा में एमडीए अभियान का शुभारंभ हुआ। जहाँ, मंडल कारा के काराधीक्षक संजीव कुमार को पहला दवा खिलाकर अभियान की शुरुआत की गई। इसके बाद गठित स्वास्थ्य टीम ने तय मानकों के अनुसार जेल के कैदियों को दवा खिलाई। वहीं, इस दौरान डीएमओ डॉ एमआर रंजन ने कहा कि फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा का सेवन बहुत जरूरी है। इसलिए, मैं तमाम कैदियों एवं पूरे जिले वासियों से अपील करता हूँ कि निश्चित रूप से पूरी तरह निःसंकोच होकर दवा खिलाने वाली टीम के सामने दवा का सेवन करें। यही इस बीमारी से बचाव के लिए सबसे कारगर और बेहतर कदम होगा। डीएमओ ने बताया कि 1200 कैदियों के साथ जेल के सभी वरीय अधिकारी और पदाधिकारियों को एमडीए की दवा खिलायी गयी है। कुल 1500 लाभार्थियों को दवा खिलायी गयी।






  • घर-घर जाकर दो वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को खिलाई जा रही है अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा :

डीएमओ डॉ एमआर रंजन ने बताया कि जिले में 20 सितंबर से एमडीए अभियान की शुरुआत हो चुकी है। इसके बाद से ही गृह भेंट की तर्ज पर आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर लोगों को खुद के सामने अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की दवाएं खिलाई जा रही हैं। ताकि एक भी व्यक्ति दवाई खाने से वंचित नहीं रहे और अभियान सफल हो सके। वहीं, उन्होंने बताया, 2 से 5 साल तक के बच्चों को 100 मिलीग्राम की डीईसी एवं 400 मिलीग्राम की अल्बेंडाजोल की एक-एक गोली, 6 से 14 साल तक के किशोरों को डीईसी की दो एवं अलबेंडाजोल की एक गोली एवं 15 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को डीईसी की तीन गोलियां एवं अलबेंडाजोल की एक गोली खिलायी जानी है। वहीं उन्होंने बताया, जेल के शत-प्रतिशत कैदियों को दवाई खिलाना सुनिश्चित करने के लिए चार सदस्यीय स्वास्थ्य टीम की तैनाती की गई है। इस मौके भीबीडीएस राजेश कुमार, मुकेश उपाध्याय, पीसीआई के आरएमसी जुलेखा फातमा समेत अन्य मौजूद थे।

फाइलेरिया क्या है:

  • फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
  • किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
  • फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोसिल (अण्डकोष में सूजन) है।
  • किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं।
  • इन बातों का रखें ख्याल :
  • भूखे पेट दवा नहीं खिलाना है।
  • किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवा खाएं।
  • गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलानी है।
  • 02 वर्ष छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलानी है।
  • गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलानी है।
  • फाइलेरिया से बचाव के उपाय :
  • सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
  • घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
  • अल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें।
  • साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।






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