नेता अहंकार एवं ममकार की वृत्ति से मुक्त होकर राष्ट्र का नेतृत्व करें -डॉ राजकरण दफ्तरी

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अणुव्रत आंदोलन के तहत चुनाव शुद्धि अभियान के पोस्टर नेपाल बिहार तेरापंथ सभा की ओर से डीएम को किए गए भेंट,अभियान से करवाया अवगत

डीएम ने कहा कि यह एक सराहनीय पहल है और लोगों में जागरूकता के लिए वर्तमान में यह कारगर भी साबित होगी।

किशनगंज /संवादाता

बिहार चुनाव 2020 में एक ओर जहां चुनाव आयोग निष्पक्ष, स्वतंत्र और भयमुक्त वातावरण में चुनाव करवाने के अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए लगातार प्रयासरत है तो वहीं दूसरी ओर “अणुव्रत आंदोलन” के तहत नेपाल बिहार श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा भी सम्पूर्ण बिहार में चुनाव शुद्धि अभियान के प्रचार प्रसार में जुट गया है।इसी क्रम में नेपाल बिहार श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष डॉ राजकरण दफ्तरी ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम किशनगंज डॉ आदित्य प्रकाश को चुनाव शुद्धि अभियान से अवगत करवाते हुए इससे सम्बंधित पोस्टर भेंट किए।

डीएम ने कहा कि यह एक सराहनीय पहल है और लोगों में जागरूकता के लिए वर्तमान में यह कारगर भी साबित होगी।इससे पूर्व नेपाल बिहार तेरापंथ सभा का एक शिष्टमंडल पटना में बिहार निर्वाचन पदाधिकारी एच आर श्रीनिवासा से मुलाकात कर अपनी इस मुहिम की जानकारी दी।इस शिष्टमंडल में डॉ दफ्तरी की अगुवाई में”अणुव्रत आंदोलन”के राष्ट्रीय चुनाव शुद्धि प्रभारी राजेन्द्र सुराणा, तनसुख बैद वीरेंद्र संचेती भी साथ रहे।

भारत की संत परम्परा महिमामण्डित रही है।भारतीय संस्कृति में साधु-समाज को सम्मानपूर्ण स्थान प्राप्त है।देश के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में साधुवर्ग का तपःपूत दिशादर्शन और अविश्रान्त श्रम रहा है।समय-समय पर इसने प्रशासक वर्ग का भी योग्य नेतृत्व किया है।इस महान संत परम्परा में एक गौरवपूर्ण अभिधान है-आचार्य तुलसी।बीसवीं सदी के इन महापुरुष ने सम्प्रदाय विशेष का नेतृत्व करते हुए असाम्प्रदायिक धर्म के रूप में “अणुव्रत आंदोलन” का सूत्रपात किया।अपनी प्रलम्ब पदयात्राओं के द्वारा उन्होंने देश के विभिन्न प्रान्तों में जनता के चारित्रिक समुत्तथान का प्रयास किया।

“अणुव्रत आंदोलन” के संकल्पों में एक संकल्प है – मैं चुनाव के सम्बंध में अनैतिक आचरण नही करूंगा” बिहार चुनाव को लेकर इसी संकल्प को केंद्रबिंदु मानते हुए इसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है।नेपाल बिहार श्री जैन श्वेताम्बर सभाध्यक्ष डॉ राजकरण दफ्तरी के अनुसार “अणुव्रत आंदोलन” के तहत होने वाले चुनाव शुद्धि अभियान की प्रेरणा लेते हुए मतदाता अगर प्रयोग करे तो बिहार ही नही भारत की राजनीति में इसके दूरगामी परिणाम दिखाई देंगे।डॉ दफ्तरी ने बताया कि तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान आचार्य आचार्य श्री महाश्रमण जी ने बिहार राज्य के प्रत्याशियों और मतदाताओं से अनुरोध किया है कि वे विधानसभा चुनाव में अणुव्रत की आचार संहिता को अपने व्यवहार में प्रयुक्त करने का प्रयास करें।

डॉ राजकरण दफ्तरी ने “अणुव्रत आंदोलन” के तहत चुनाव शुद्धि अभियान के कुछ मुख्य उद्देश्य बताए।
73 वर्ष पूर्व प्राप्त स्वाधीनता को सम्पूर्ण भारत की जनता महसूस करे।निश्चिंत एवम सुरक्षित भविष्य की आशा से अपनी जीवनशैली बदलें।लोकतांत्रिक जीवन-मूल्यों का सही प्रशिक्षण प्राप्त हो।विकास की अवधारणा में बदलाव लाते हुए,सत्ता या संपदा के स्थान पर चरित्र को प्रमुखता दें।अन्याय एवम कदाचार की घटनाओं से जूझने हेतु जटायु वृत्ति विकसित हो।नेता अहंकार एवं ममकार की वृत्ति से मुक्त होकर राष्ट्र का नेतृत्व करें।

नेता अहंकार एवं ममकार की वृत्ति से मुक्त होकर राष्ट्र का नेतृत्व करें -डॉ राजकरण दफ्तरी