अररिया: कलश स्थापना के साथ ही शुरू हुआ शिशिर नवरात्र, शिशिर नवरात्रि में पूजा का है विशेष महत्व

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सहारा समिति दुर्गा मंदिर में हो रहा है पूजा-अर्चना,प्रत्येक दिन मां दुर्गा को नवरात्र मौके पर लगाया जा रहा है महाभोग।


16 फरवरी को सप्तमी,17 फरवरी को अष्टमी व 18 फरवरी महानवमी

अररिया /अरुण कुमार

शनिवार को कलश स्थापना के साथ शिशिर नवरात्र शुरू हुआ।हालांकि साल में कुल चार नवरात्रि आते है।इसमें शारदीय नवरात्रि के बारे में आमतौर पर सभी लोग जानते है।माग्यता है कि शिशिर नवरात्रि व्रत करने पर विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है।हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है।क्योंकि इस महीने की नवरात्र को बहुत ही खास माना जाता है।इस नवरात्र में व्यक्ति ध्यान-साधना करके दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करते है।

माघ के शुक्ल पक्ष मास की नवरात्रि को शिशिर नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। शिशिर को खासतौर से तंत्र-मंत्र व सिद्धि आदि के लिए बहुत ही खास माना जाता है।वही अररिया समिति अररिया दुर्गा मंदिर में शिशिर नवरात्र को लेकर शनिवार को कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा का पूजा आराधना शुरू हुआ। शिविर नवरात्र को लेकर दुर्गा मंदिर में मां दुर्गा को रोजाना महाभोग किया जा रहा है। मंदिर को विशेष रूप से सजाया भी जा रहा है। जबकि मां दुर्गा को भव्य श्रृंगार किया गया है। शनिवार को भारी संख्या में भक्तगण पूजा -अर्चना के लिए मां दुर्गा के मंदिर में पहुंचे। जहां मंदिर के मुख्य पुजारी के द्वारा सभी भक्तों का पूजा- अर्चना कराया गया।

शिशिर  नवरात्र में भक्तों को मिलता है दोगुना फल

सहारा समिति दुर्गा मंदिर के पंडित श्री ललित नारायण झा व ने बताया कि शिशिर नवरात्रि में सात्विक व तांत्रिक पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में पूजा व मनोकामना को गुप्त रखा जाता है।मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, फल दोगुना मिलता है. गुप्त नवरात्रि के दौरान विवाह, नौकरी आदि संबंधित कई उपाय भी किये जाते हैं। 16 जनवरी को सप्तमी, 18 जनवरी को अष्टमी व 19 जनवरी महानवमी है।यह तीनों दिन मां दुर्गा को विशेष पूजा अर्चना के साथ महाभोग लगाया जाएगा। वही मां दुर्गा का विशेष श्रृंगार भी किया जा रहा है।शिशिर नवरात्र के मौके पर भारी संख्या में भक्तगण पूजा अर्चना के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं।इस पूजा में पंडित ब्रह्मानंद झा, पंडित प्रताप ठाकुर, पंडित बसंत आचार्य, सुभाष मंडल, सौरभ जैन, अमित सैन गुप्ता, ऐनी दास गुप्ता आदि सक्रिय हैं।

कलश स्थापना के साथ शुरु हुआ पूजा

10 फरवरी- मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
11 फरवरी- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
12 फरवरी – मां चंद्रघंटा पूजा
13 फरवरी- मां कुष्मांडा पूजा
14 फरवरी- मां स्कंदमाता पूजा
15 फरवरी- मां कात्यायनी पूजा
16 फरवरी- मां कालरात्रि पूजा
17 फरवरी- मां महागौरी दुर्गा पूजा
18 फरवरी- मां सिद्धिदात्री पूजा
19 फरवरी- विजयादशमी

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