बिहार : पेट की आग ने मजदूरों को फिर घर छोड़ने पर किया मजबुर

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किशनगंज/इरफान

जिले के पोठिया प्रखंड अन्तर्गत पहाड़कट्टा थाना क्षेत्र के शीतलपुर पंचायत मजदूर अपना घर छोड़ आंखों में आंसू लिए राजधानी काम पर लौट रहे हैं,

जानकारी के अनुसार दमालबाड़ी, जहांगीर पुर ,पहाड़कट्टा, परलाबाड़ी, खजूरबाड़ी ,शीतलपुर, उदगारा, पनासी, इन पंचायतों से एक बार फिर नौजवान महानगरों का रुख करना शुरु कर दिया हैं,

मालूम हो कि बिहार में 30 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर लाॅकडाउन के दौरान अपने गांव वापस आए थे, इनमें से कई लोगें ने फिर से काम पर लौटना शुरु कर दिया है,

बस में चढ़ने से पहले दिल्ली जा रहे है, अली मुर्तजा ने बताया अगर किशनगंज में रोजगारकी व्यवस्था होती तो में वापस नहीं जाता है, कंपनी में अभी काम की तलाश में वापस जा रहे हैं, भुख से कोरोना बेहतर हैं, मेरे बच्चों के बजाये मेरे लिए कोरोना की वजह से मरना बेहतर है,

मालूम हो कि सीमांचल से नौजवान हर साल काम की तलाश में दिल्ली गुजरात महाराष्ट्र और अन्य प्रदेश जाने वाले लाखों श्रमिकों ने अनलाॅक 3 शुरु होते काम पर लौटना शुरू कर दिया हैं, उन्हें लगातार बुलावा भी आरहा है, इस सिलसिले में बस को रवाना करने के लिए शफीक, जिया,अहमद रजा, मेराज आलम, नसीरुद्दीन, शहरयार वगैरह मौजूद रहे हैं ।श्रमिको के आंखो में घर छोड़ने की बेबसी साफ दिख रही थी ।लेकिन करे भी तो क्या करे पेट की भूख जो ना कराए ।

सबसे ज्यादा पड़ गई