किशनगंज/संवादाता
लोकसभा के तर्ज पर किशनगंज विधान सभा के चारो सीट पर जदयू और लोजपा लड़ सकती है चुनाव ?अल्पसंख्यक बहुल सीमावर्ती किशनगंज जिले में बीजेपी कार्यकर्ताओं को निराश होना पड़ सकता है ?पार्टी के प्रदेश सूत्रों के मुताबिक इस अल्पसंख्यक बहुल जिले में लगातार हार के बाद अब प्रदेश नेतृत्व यहां के चारो विधान सभा सीट को अपने सहयोगी लोजपा और जेडीयू को दे सकती है ।गौरतलब हो कि गठबंधन के नाते लोकसभा चुनाव में यह सीट जदयू के खाते में गई थीं और यहां से जदयू ने चुनाव लडा था ।
मालूम हो कि जिले के दो विधान सभा सीट पर जदयू का कब्जा है जबकि एक सीट पर कांग्रेस और एक सीट पर AIMIM का कब्जा है ।किशनगंज सदर विधान सभा क्षेत्र से लोजपा नेता मो कलीमुद्दीन लगातार प्रयास में है कि इस बार उन्हें यहां से लोजपा प्रत्यासी बनाए ।
सूत्रों के मुताबिक लोजपा प्रदेश नेतृत्व भी इस सीट को लेकर दावेदारी कर रही है । लोजपा पार्टी सूत्रों की माने तो नेताओ का कहना है कि बीजेपी की स्वीटी सिंह को लगातार हार का सामना यहां से करना पड़ा है । इसलिए लोजपा उम्मीदवार क्योंकि मुस्लिम समाज से आते है तो उन्हें यहां से मैदान में उतारना चाहिए ।सूत्रों के मुताबिक बहादुरगंज सीट भी लोजपा अपने खाते में चाहती है ।
वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे पी नड्डा ने जिस तरह के संकेत आज प्रदेश कार्य समिति बैठक को संबोधित करते हुए दिए है और कहा है कि जदयू और लोजपा की जीत के लिए भी बीजेपी कार्यकर्ताओं को कार्य करना है उससे भी समझा जा सकता है की बीजेपी गठबंधन के साथियों को लेकर कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहती कि गठबंधन खतरे में पड़े ।किशनगंज में विधान सभा के चारो सीट की स्थिति क्या होगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।वहीं पूरे मामले पर बीजेपी के जिला अध्यक्ष सुशांत गोप से संपर्क करने की कोशिश की गई । लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया है ।






























