प्रयागराज/ब्यूरो
राहत शिविरों में शरण लेने को मजबुर बाढ़ पीड़ित
एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम बाढ़ में फंसे लोगो को निकालने में जुटी
तीर्थराज प्रयाग में गंगा खतरे के निशान से ऊपर हैं। वहीं, यमुना का भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते तटवर्ती इलाकों में दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। तटवर्ती क्षेत्रों के हजारों लोग घरों को छोड़ पलायन करने को मजबूर हैं। वहीं, कुछ लोग प्रशासन की ओर से लगाए गए राहत शिविर में शरण ले ली है। राहत शिविरों में भी प्रशासन की ओर से किए गए इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।
प्रयागराज के तटवर्ती इलाकों छोटा बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर, राजापुर, अशोक नगर में पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। यहां हालात यह है कि लोग अन्यत्र किराए के मकान में रहने का मन बना लिए हैं। लोगों का कहना है कि बाढ़ की विभीषिका खत्म होने तक वह अपने घरों से दूर रहना चाहते हैं।

बाढ़ खत्म होने के बाद फिर वे वापस घरों को लौट जाएंगे। हालांकि, इसमें भी उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है। लोगों को किराए पर मकान नहीं मिल रहे हैं तो कुछ जगहों पर किराया अधिक वसूल रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, बाढ प्रभावित क्षेत्रों से अब तक ढ़ाई हजार से अधिक लोग अपना आशियाना छोड़ चुके हैं। जिला प्रशासन की ओर से छोटा बघाड़ा स्थित एनी बेसेंट स्कूल में राहत शिविर बनाया गया है। यहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। जर्जर कमरों में पंखे भी नाम मात्र के चल रहे हैं। पर्याप्त पानी की व्यवस्था नहीं है। आश्रय स्थल में शरण लेने वालों का कहना है कि अब उनके सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है।
हालांकि, प्रशासन की ओर से सुबह खिचड़ी और बच्चों के लिए दूध, शाम को भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है। हालांकि यह नाकाफी साबित हो रहा है।
पानी के अभाव में शौचालय भी बदहाल
यहां करीब 110 परिवार के करीब 483 सदस्यों ने शरण ली है। इतनी अधिक संख्या में लोगों के आने पर यहां शौचालय के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। यहां शौचालयों में पानी का अभाव है। प्रतियोगी छात्रों के सामने भी संकट है। उन्हें आश्रय स्थलों में जगह नहीं दी जा रही है। ऐसे में प्रतियोगी छात्रों के सामने आने वाली परीक्षाओं को लेकर चिंता है।वहीं जलस्तर और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। जलस्तर में अगर बढ़ोतरी होती है तो बाढ़ के दायरे में और कई इलाके आएंगे ।एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमें लोगो को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगाई गई है ।बढ़ते जलस्तर के खतरे को देखते हुए लोगो को गंगा जी के किनारे नहीं जाने की अपील प्रशासन द्वारा की गई है ।