दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को लिखी चिट्ठी,कहा आपने देवतुल्य चिकित्सको का किया निरादर

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देश /डेस्क

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने योग गुरु बाबा रामदेव को पत्र लिखकर एलोपैथिक चिकित्सा को लेकर उनके द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान को वापस लेने की बात कही है । डॉ हर्षवर्धन ने अपने पत्र में लिखा है कि एलोपैथिक दवाओं व डॉक्टरों पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत हैं। लोगों की इस भावना से मैं आपको फोन पर पहले भी अवगत करा चुका हूं। संपूर्ण देशवासियों के लिए कोरोना के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं। आपने अपने वक्तव्य से न केवल कोरोना योद्धाओं का निरादर किया, बल्कि देशवासियों की भावनाओं को भी गहरी ठेस पहुंचाई है।






कल आपने जो स्पष्टीकरण जारी किया है, वह लोगों की चोटिल भावनाओं पर मरहम लगाने में नाकाफ़ी है।साथ ही उन्होंने लिखा कि कोरोना महामारी के इस संकट भरे दौर में जब एलोपैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों ने करोड़ों लोगों को नया जीवनदान दिया है, आपका यह कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों कोरोना मरीज़ों की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना महामारी के खिलाफ़ यह लड़ाई सामूहिक प्रयासों से ही जीती जा सकती है। इस लड़ाई में हमारे डॉक्टर, नर्से और दूसरे स्वास्थ्यकर्मी जिस तरह अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को बचाने में दिन-रात जुटे हैं, वह कर्तव्य और मानव सेवा के प्रति उनकी निष्ठा की अतुलनीय मिसाल है।






आप इस तथ्य से भी भली-भांति परिचित हैं कि कोरोना के खिलाफ़ इस लड़ाई में भारत सहित पूरे विश्व के असंख्य डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी जानें न्यौछावर की हैं।डॉक्टर हर्षवर्धन ने अपने पत्र में लिखा है कि ऐसे में, आप के द्वारा कोरोना के इलाज में एलोपैथी चिकित्सा को ‘तमाशा’, ‘बेकार’ और ‘ ‘दिवालिया’ बताना दुर्भाग्यपूर्ण है। आज लाखों लोग कोरोना से ठीक होकर घर जा रहे हैं। आज अगर देश में कोरोना से मृत्यु दर सिर्फ़ 1.13% और रिकवरी रेट 88% से अधिक है, तो उसके पीछे ऐलोपैथी और उसके डॉक्टरों का अहम योगदान है । डॉक्टर हर्षवर्धन ने अपने पत्र में लिखा कि

वैक्सीन एक अहम हथियार साबित हो रहा है, यह भी एलोपैथी की ही देन है। आपने अपने स्पष्टीकरण में सिर्फ़ यह कहा है कि आपकी मंशा मॉडर्न साइंस और अच्छे डॉक्टरों के खिलाफ़ नहीं है। मैं आपके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को पर्याप्त नहीं मानता। उन्होंने कहा कि विश्वभर के कोरोना योद्धाओंकी भावनाओं का सम्मान करते हुए, अपना आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण वक्तव्य पूर्ण रूप से वापस लेंगे।बता दे कि आईएमए बाबा रामदेव द्वारा दिए गए बयान से आक्रोशित है और आईएमए द्वारा उन्हें नोटिस भी भेजा गया है ।हालाकि विवाद बढ़ता देख बाबा रामदेव की तरफ से आचार्य बालकृष्ण ने सफाई देते हुए कहा था कि उनका मकसद चिकित्सको को ठेस पहुंचाना नहीं था बाबा ने दूसरे संदर्भ में यह बयान दिया था ।






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