देश /डेस्क
बीजेपी की केंद्रीय नेतृत्व हमेशा चौंकाने वाली निर्णय लेती है और कहा जाता है की नेतृत्व परिवर्तन में हमेशा पीएम मोदी और अमित शाह की सहमति से ही निर्णय लिए जाते है ।ऐसा ही चौंकाने वाला निर्णय एक बार फिर बीजेपी ने लिया जब पार्टी ने तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड की कमान सौंप दी ।
श्री रावत ने आज सादे समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली ।बता दे कि तीरथ सिंह रावत ने भी नहीं सोचा था कि पार्टी उन्हें सीएम बना देंगी ।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपना सफर शुरू करने वाले श्री रावत संघ के प्रचारक भी रहे है ।तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया जाना भी कम चौंकाने वाला नहीं है। दिलचस्प बात है कि 2017 में सतपाल महाराज को उनकी जगह पर टिकट दे दिया गया था और तब उनके निराश होने की भी खबरें थीं।
हालांकि पार्टी के मजबूत सिपाही कहे जाने वाले तीरथ सिंह रावत ने इसे चुपचाप स्वीकार कर लिया था और 2019 में पार्टी ने पौड़ी-गढ़वाल लोकसभा सीट से उन्हें टिकट दिया था। उस वक्त दिग्गज नेता और पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूरी का टिकट काटकर उन्हें मौका दिया गया था। इसके बाद अब जबकि रमेश पोखरियाल निशंक और धन सिंह रावत जैसे दिग्गजों के नाम आगे चल रहे थे, तब तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाने का फैसला ले लिया गया। ।
श्री रावत ने अपने नाम के ऐलान के बाद कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे इतनी अहम जिम्मेदारी मिलेगी।केंद्र नेतृत्व ने मुझ पर विश्वास दिखाया है। उन्होने कहा मैं केंद्र नेतृत्व का दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं।साथ ही प्रधानमंत्री जी ने जो कहा है कि सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास उसको लेकर हम आगे बढ़ेंगे। आम जनता के सुख-दुख में मैं खड़ा रहूंगा।





























