किसानों का हित बहाना है ,अपनी राजनीति चमकना है

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

राजेश दुबे

पंजाब और हरियाणा के लाखो किसान आज “दिल्ली चलो “के नारे के साथ सड़कों पर है ।किसानों का यह आंदोलन ऐसे समय में हो रहा है जब दिल्ली में कोरोना महामारी चरम पर है ।उसके बावजूद किसान इस बात पर अडिग है कि वो हर हाल में दिल्ली पहुचेंगे ।नए कृषि कानून के विरोध में आहूत रैली दिल्ली ना पहुंचे उसके लिए दिल्ली हरियाणा बॉर्डर सहित उन तमाम रास्तों को सील कर दिया गया है ,जिन रास्तों से दिल्ली में प्रवेश किया जा सकता है।

किसान इस बात से परेशान है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त कर देगी ।जबकि सरकार किसानों को अपना अनाज मंडी से बाहर बेचने की अनुमति दे चुकी है और केंद्र सरकार किसानों से वार्ता को भी तैयार है ।

उसके बावजूद आंदोलन में शामिल किसान कुछ सुनने को तैयार नहीं है ।जिसके बाद एहतियातन किसानों के उपद्रव को देखते हुए दिल्ली में मेट्रो सेवा को बंद कर दिया गया है ।प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कहीं आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे है तो कहीं भीड़ को तितर बितर करने के लिए पानी का उपयोग किया जा रहा है । विरोध प्रदर्शन के कारण अराजक स्थिति बनी हुई है ।

इस अराजक स्थिति की वजह से ना सिर्फ हमारे अन्न दाता किसान परेशान है ,बल्कि सुरक्षा बलो के साथ साथ आम आदमी भी परेशान है ।किसानों को उनका वाजिब हक मिलना चाहिए ,यह पूरा देश चाहता है ।

लेकिन सवाल उठता है कि कहीं ये किसान किसी राजनैतिक साजिश का शिकार तो नहीं है ।और किसी खास एजेंडे की वजह से तो सड़कों पर नहीं है ।

देश में 70 से 80 करोड़ किसान है ।लेकिन सिर्फ पंजाब और हरियाणा के ही किसानों को नए कृषि कानून से परेशानी क्यो है ? केंद्र सरकार ने बार बार किसानों को आश्वस्त किया है कि इस कानून से लाभ होगा और उनकी आय दुगुनी होगी ,प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ,कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित अन्य मंत्रियों ने कई बार आगे बढ़ कर किसानों को पूरे कानून की जानकारी दी है ,उसके बावजूद किसान क्यों सड़क पर हंगामा कर रहे है ?आखिर किसानों को कौन भड़का रहा है ?

इस बात को बल तब मिलता है जब मेधा पाटकर,गोपाल राय सहित राहुल गांधी खुद को किसानों का रहनुमा बताने लगते है ।यही नहीं कई कांग्रेस नेताओ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 2018 के किसान आंदोलन की तस्वीर को ट्वीट किया जाता है और बताया जाता है कि आंदोलन में शामिल किसानों के साथ संविधान दिवस के दिन अत्याचार हो रहा है । कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी जैसे नेता के साथ साथ यूथ कांग्रेस एवं अन्य कांग्रेसी नेताओ के ट्वीटर अकाउंट से झूठी तस्वीर पोस्ट की जा रही है ।मनीष तिवारी सविधान की दुहाई दे रहे हैं और आग भड़काने की कोशिश में जुटे हुए है ।यही नहीं दिल्ली के मुख्य मंत्री किसानों को तितर बितर करने के लिए किए गए पानी के उपयोग को गैरवाजिब करार देते है और कहते है कि किसान शांति पूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे है ।

पूरा देश इन लोगों के चाल चरित्र और चेहरे से वाकिफ है ।इसी साल इन तमाम लोगों ने CAA और NRC को लेकर देश को गुमराह करने का कार्य किया है । जिसका नतीजा दिल्ली दंगो के रूप में सामने आया था और अब किसान आंदोलन को हवा देने की कोशिश इन लोगो के द्वारा की जा रही है ।अभी कुछ दिन पहले ही पूरे देश ने देखा था कि किसानों की आड़ में कैसे एक जले हुए ट्रैक्टर को कांग्रेस के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में लाकर अहले सुबह आग के हवाले कर दिया था ।जिसके बाद पूरे देश में कांग्रेस की किरकिरी हुई थी और अब राहुल गांधी प्रदर्शन कारी किसानों के समर्थन में ट्विटर पर कविता लिख रहे है ।

आंदोलन की आड़ में किसी को भी यह अधिकार प्राप्त नहीं होता कि विधि व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करे ,वो भी ऐसे वक्त में जब पूरा देश एक अदृश्य बीमारी से लड़ रहा है ।केंद्र सरकार को इस पूरे मामले पर कठोर निर्णय लेने की जरूरत है ,ताकि भविष्य में कोई भी भोले भाले किसानों को गुमराह करके इस प्रकार की अराजक स्थिति उत्पन्न ना कर पाए ।

किसानों का हित बहाना है ,अपनी राजनीति चमकना है