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किशनगंज :विधान सभा चुनाव में सोशल मीडिया पर रखी जाएगी विशेष निगरानी ,डीएम ने बैठक कर दिए जरूरी दिशा निर्देश

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किशनगंज/संवादाता

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी किशनगंज डॉ आदित्य प्रकाश के निर्देशानुसार बुधवार को डीआरडीए, डीडीसी कार्यालय में मीडिया /एमसीएमसी कोषांग तथा व्यय और अनुश्रवण कोषांग के नोडल पदाधिकारी सहित सभी पदाधिकारियों/कर्मियो के साथ समीक्षा बैठक डीडीसी मनन राम की अध्यक्षता में संपन्न हुई।सर्वप्रथम कोषांग संचालन के संबंध में चर्चा हुई। व्यय और अनुश्रवण कोषांग से संबंधित एफएसटी, एसएसटी, वीएसटी के द्वारा की जा रही जांच और अन्य कार्रवाई की समीक्षा की गई और सारी प्रक्रिया के वीडियोग्राफी का निर्देश दिया गया।

कोषांग में शैडो ऑब्जर्वेशन रजिस्टर,व्यय लेखा पंजी और एविडेंस फोल्डर आदि का नियमानुसार रख रखाव व संधारण करने का निर्देश भी दिया गया।
साथ ही,मीडिया और एमसीएमसी कोषांग की समीक्षा के क्रम में पैड न्यूज और फेक न्यूज पर गहन निगरानी का निर्देश दिया गया।


नोडल पदाधिकारी रंजीत कुमार,डीपीआरओ ने बताया कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर आने वाले समाचार और विज्ञापन पर कड़ी नजर रखी जा रही है।इस हेतु पालीवार अधिकारियो और कर्मियो को प्रतिनियुक्ति कर दिया गया है।व्यय कोषांग से समन्वय स्थापित कर स्थापित नियमो के उल्लंघन पर कार्रवाई हेतु नजर रखी जा रही है।


बिहार विधानसभा निर्वाचन 2020 में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया /सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणीकरण और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यथा: व्हाटएप्स न्यूज़ ग्रुप, फेसबुक पेज ,न्यूज़ पोर्टल,केबल टीवी,यूट्यूब चैनल पर नजर रखने के लिए एमसीएमसी कमेटी व कोषांग मुस्तैदी से कार्य करना प्रारंभ कर चुकी है।

उल्लेखनीय है कि इस बार चुनाव में सोशल मीडिया को स्कैनिंग करने हेतु एमसीएमसी कमेटी को सहयोग करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया एक्सपोर्ट भी रहेंगे। सोशल मीडिया एवं इंटरनेट मैसेंजर, स्मार्टफोन एप्लीकेशन के आगमन से बड़े स्तर पर संचार में सुविधा हो रही है परंतु उपयुक्त प्लेटफार्म का निर्वाचनों की अवधि के दौरान पेड़ न्यूज़, फेक न्यूज़, गलत सूचना और मिथ्या सूचना के लिए दुरुपयोग करने पर विधि सम्मत कार्रवाई भी की जाएगी।

निर्वाचन प्रचार अभियान से संबंधित विधिक उपबंध सोशल मीडिया पर भी उसी तरह से लागू होते हैं जैसे मीडिया के अन्य रूपों पर लागू होते हैं। डीडीसी सह वरीय नोडल अधिकारी मीडिया /एमसीएमसी कोषांग ने बताया कि गलत सूचना ,हेट स्पीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप, जाति ,धर्म ,वर्ग, भाषा के आधार पर प्रचार- प्रचार कर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करना आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन माना जाएगा। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक/ सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्ण प्रमाणीकरण एमसीएमसी के माध्यम से कराना भी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होगा।

यह स्पष्ट है कि कोई न्यूज़ यदि पेड़ न्यूज़ साबित होता है तो कमेटी की अनुशंसा पर आर०ओ द्वारा अग्रेतर करवाई हेतु संबंधित को नोटिस किया जाएगा। पेड न्यूज़ साबित होने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171 (ज) के उल्लंघन के लिए प्रकाशन के अभियोजन हेतु कार्रवाई भी की जा सकती है।विभिन्न चैनलों, सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म यथा- फेसबुक पेज, पोर्टल ,व्हाट्सएप एप्स न्यूज़ ग्रुप , यूट्यूब चैनल, केबल टीवी एफएम रेडियो, सिनेमा हॉल इत्यादि पर पर किसी भी तरह के राजनीतिक विज्ञापन के प्रसारण के पूर्व एमसीएमसी कमेटी से पूर्व प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य होगा ।ऐसा नहीं करने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
प्रत्येक चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को नामांकन के समय अपना ईमेल आईडी के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट की विस्तृत जानकारी प्रारूप 26 में शपथ पत्र दाखिल करते समय देना होगा।

किशनगंज :विधान सभा चुनाव में सोशल मीडिया पर रखी जाएगी विशेष निगरानी ,डीएम ने बैठक कर दिए जरूरी दिशा निर्देश

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