सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टेढ़ागाछ में परिवार नियोजन मेला का आयोजन

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टेढ़ागाछ/किशनगंज/विजय कुमार साह

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टेढ़ागाछ में 17 से 29 मार्च तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया गया है।इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टेढ़ागाछ में परिवार नियोजन मेला का आयोजन किया गया है। जिसका उद्घाटन चिकित्सा पदाधिकारी डॉ० प्रमोद कुमार ने किया। उन्होंने बताया टेढ़ागाछ में 17 से 29 मार्च तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें लोगों को परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में जानकारी दी जा रह है।

मौके पर उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन सिर्फ जनसंख्या नियंत्रण का साधन नहीं, बल्कि एक स्वस्थ्य और खुशहाल परिवार की नींव भी है। परिवार नियोजन का साधन अपनाकर माता और शिशु को सुरक्षित रखा जा सकता है, साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त समाज की ओर बढ़ा जा सकता है। श्री कुमार ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य सुधार की दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहा है।

परिवार नियोजन सेवाओं का उद्देश्य से जहां जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना है, वही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना भी है। अनियोजित गर्भधारण के कारण मातृ स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और नवजात शिशु के स्वास्थ्य पर भी खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध होने से मातृ मृत्यु दर में 30 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है।

इस दृष्टिकोण से मिशन परिवार विकास अभियान एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने कहा कि छोटा परिवार, सुखी परिवार की अवधारणा को अपनाने से जीवन स्तर में सुधार आता है और सामाजिक तथा आर्थिक संतुलन बना रहता है।

परिवार नियोजन अपनाना क्यों जरूरी:


चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर प्रमोद कुमार ने बताया कि अनियोजित गर्भधारण मातृ और शिशु मृत्यु दर को बढ़ाता है और कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में कई सुरक्षित साधन उपलब्ध है। जिनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। उन्होंने महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि पहला बच्चा 20 वर्ष की उम्र के बाद ही होना चाहिए और दूसरे बच्चे के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतर होना चाहिए।

परिवार नियोजन के प्रमुख साधन :


परिवार नियोजन के लिए कई सुरक्षित और प्रभावी साधन उपलब्ध है। जिनका उपयोग बिना किसी झिझक के किया जा सकता है। डॉ० प्रमोद कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए सरकार लाभार्थियों को आर्थिक सहायता के तौर पर प्रोत्साहन राशि देती है। पुरुष या महिला नसबंदी कराने पर 3 हजार रुपये, उत्प्रेरक को 400 रुपये, प्रसव के तुरंत बाद बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 3 हजार रुपये, उत्प्रेरक को 400 रुपये, पीपीआईयूसीडी (प्रसव के बाद कॉपर-टी) पर महिला को 2 हजार रुपये, एएनएम और आशा को 150-150 रुपये, अंतरा इंजेक्शन पर 100 रुपये प्रति डोज दिया जाता है।

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