विभिन्न प्रखंडों के 16 नवनियुक्त एएनएम को प्रशिक्षण के दौरान जिम्मेदारियों से कराया गया अवगत
सभी प्रशिक्षणार्थी अपने-अपने प्रखंडों में अन्य कर्मियों को देंगे प्रशिक्षण :
किशनगंज :स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में एएनएम् स्कूल में तक चले एएनएम के 5 दिवसीय प्रशिक्षण का शुक्रवार को समापन हो गया। पांच दिनों तक मास्टर ट्रेनरों ने सभी एएनएम को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराया। प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में उनकी क्या भूमिका है, इसके बारे में उन्हें बताया गया। क्षेत्र में किस तरह काम करना है और अस्पताल में किस तरह की भूमिका रहती है, इसके बारे में जानकारी दी गई। माना जाता है कि स्वास्थ्य सेवा में नर्सों की भूमिका 30 प्रतिशत तक होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एएनएम को व्यवस्था, नीतियों, प्रोटोकॉल और तकनीकों से पांच दिनों तक अवगत कराया गया। प्रशिक्षण देने का काम एएनएम् स्कूल के ट्यूटर प्रशिक्षक राजेश कुमार , डीएमटी उषा कुमारी , केयर इंडिया के डीटीएल प्रशंजित प्रमाणिक की मॉनिटरिंग में किया गया ।
पांच दिनों में एएनएम की भूमिका और जिम्मेदारी को बताया गया –
केयर इंडिया के डीटीएल प्रशंजित प्रमाणिक ने बताया कि प्रशिक्षण के आखिरी दिन एएनएम को आरोग्य दिवस, स्टॉक पंजी, टीकाकरण, परिवार नियोजन, लॉकबुक और चेकलिस्ट की जानकारी दी गई। इस तरह के काम को कैसे करना है, इसका प्रशिक्षण मास्टर ट्रेनरों ने दिया। इससे पहले पांच दिनों तक प्रशिक्षण के दौरान कही गई बातों को दोहराया गया। पहले दिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ओवरव्यू, एएनएम की भूमिका और जिम्मेदारी, नर्सों की नीति संहिता, अस्पताल का दौरा, संगठनात्मक चार्ट, एसबीएआर का उपयोग करते हुए संचार और सामान्य सेवा नियम, दूसरे दिन क्लीनिकल पोस्टिंग, प्रजनन व बाल स्वास्थ्य रजिस्टर, मातृ एवं शिशु सुरक्षा, घटना की जानकारी, प्रलेखन, हाथ धोना और व्यक्तिगत रक्षा उपकरण और रोगाणुनाशन व स्टरलाइजेशन, तीसरे दिन नवजात शिशु का पुनर्जीविकरण, नवजात का पुनर्जीविकरण और जैव चिकित्सकीय अपशिष्ठ प्रबंधन, चौथे दिन सामान्य प्रसव कैसे कराना है, मरीज को शिफ्ट करना, हीमोग्लोबिन की जांच, पेशाब में शुगर और एल्युमिन की जांच, इंजेक्शन लगाने, पांचवें दिन सलाह देने की तकनीक, ऑक्सीजन देना, यूरिन कथेटर लगाना, बेसिक लाइफ सपोर्ट, घाव की मरहम-पट्टी, नवजात बच्चों में खतरे के लक्षण और गर्भवती महिलाओं में खतरे के लक्षण की जानकारी दी गई थी, जिसे दोहराया गया।
सभी प्रशिक्षणार्थी अपने-अपने प्रखंडों में अन्य कर्मियों को देंगे प्रशिक्षण :
सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया, राष्टीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण में शामिल सभी प्रशिक्षणार्थियों को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी प्रशिक्षणार्थी अपने-अपने प्रखंडों में अन्य एएनएम को भी प्रशिक्षण देंगे। ताकि प्रखंड स्तर पर कार्य करने वाली सभी एएनएम को भी बेहतर से बेहतर कार्य करने की जानकारी प्राप्त हो सके और अपने कर्तव्य का बेहतर तरीके से निर्वहन कर सकें। प्रशिक्षण में बताई गई सलाह को एएनएम क्षेत्र में लागू करेंगी, जिससे स्वास्थ्य सेवा बेहतर होगी। दरअसल, स्वास्थ्य सेवा में एएनएम की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। इसलिए उन्हें उनकी भूमिका के बारे में अवगत कराना बहुत ही आवश्यक है। इसी को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में सभी प्रखंडों से दो-दो एएनएम शामिल हुईं। ये लोग प्रशिक्षण लेकर अपने क्षेत्र की नई एएनएम या फिर जिन्हें इन बातों को जानकारी नहीं है, उन्हें यह साझा करेंगी। इसके बाद क्षेत्र में सेवा के दौरान एएनएम इन बातों का ध्यान रखेंगी।
प्रशिक्षण समापन के मौके पर सभी प्रशिक्षणार्थी को दिया गया प्रमाण-पत्र :
केयर इंडिया के डीटीएल प्रशंजित प्रमाणिक ने बताया, जिले के नवनियुक्त एएनएम के पांच दिवसीय प्रशिक्षण के समापन के मौके पर सभी प्रशिक्षित एएनएम को सिविल सर्जन के हाथो प्रमाण-पत्र भी दिया गया । इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य नवनियुक्त एएनएम को सरकार द्वारा जनहित में चलाई जा रही तमाम स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर संचालन की जानकारी सुनिश्चित कराना है। ताकि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी एएनएम लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में खुद को सक्षम महसूस करें और लोगों को सुविधाजनक तरीके से सभी सुविधाओं का लाभ मिल सके।



