दिल्ली :बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली के मुख्यामंत्री अरविंद केजरीवाल के A B C D E F को किया उजागर. आखिर क्या है A B C D E F का मतलब ? 

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नई दिल्ली: दिल्ली में राशन की होम डिलीवरी योजना को मंजूरी देने से इनकार किए जाने के बाद बीजेपी और सीएम अरविंद केजरीवाल एक बार फिर आमने आमने है ।सीएम केजरीवाल पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए राजनीति करने का आरोप लगाया है ।दरअसल सीएम केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सीधे प्रधानमंत्री से पूछा है कि अगर पिज्जा,बर्गर की होम डिलीवरी हो सकती है तो गरीबों को राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं की जा सकती?

इसके जवाब में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने केजरीवाल पर जम कर निशाना साधा है और उन्होंने ABCDEF फार्मूला साझा कर केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया है कि वह विज्ञापन देने, मोदी सरकार को बदनाम करने, ड्रामा करने और बहाना बनाने में मशगूल रहती है.







पात्रा का केजरीवाल मैनेजमेंट फार्मूला:


A- Keep giving Ads

B- Blame Modi for everything 

C- Take Credit for everything others do

D- Do Drama Daily

E-  Only Excuses 

F- Total Failure

आज पत्रकार वार्ता के दौरान संबित पात्रा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल जी ने इस प्रकार से बात रखी है कि दिल्ली की जनता को उनके अधिकार से वंचित रखा जा रहा है. जबकि ऐसा नहीं हैं.” उन्होंने कहा कि नेशनल फूड सेक्यूरिटी एक्ट और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना द्वारा दिल्ली में भी जरूरतमंदों को राशन पहुंचाया जा रहा है. पात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना के तहत मई और 5 जून तक दिल्ली को तय कोटे से अधिक 72,782 मीट्रिक टन अनाज भेजा गया है ।लेकिन दिल्ली अभी तक करीब 53,000 मीट्रिक टन अनाज ही उठा पाई है और इसका मात्र 68 प्रतिशत ही वो जनता को बांट पाए हैं.






बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के अंतर्गत गेहूं पर अरविंद केजरीवाल जी मात्र 2 रुपये प्रति किलो देते हैं जबकि केंद्र सरकार 23.7 रुपये प्रति किलो देती है. चावल पर केजरीवाल जी मात्र 3 रुपये प्रति किलो देते हैं और केंद्र सरकार 33.79 रुपये प्रति किलो देती है. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी इसके अतिरिक्त भी राशन बांटना चाहते हैं, तो इसके लिए वो राशन खरीद सकते हैं.

पात्रा ने कहा कि जो नोटिफाइड रेट हैं, उस पर राशन खरीदा जा सकता है. इस पर किसी प्रकार की आपत्ति केंद्र सरकार को या किसी को नहीं होगी. वन नेशन-वन राशन कार्ड का प्रावधान केंद्र सरकार ने किया था लेकिन दिल्ली की सरकार ने इस विषय पर आगे बढ़ने से मना कर दिया, जिस कारण हजारों मजदूर आज राशन लेने से वंचित रह गये हैं.






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