खोरीबाड़ी /चंदन मंडल
विधानसभा चुनाव में हर कोई बेहतर उम्मीदवार के जीत की तलाश में है। सभी की इच्छा है कि उनका जनप्रतिनिधि ऐसा हो जो लोगों के सुख-दुख का भागीदार बनें। चुनाव को लेकर अभी अटकलों का बाजार गर्म है। हर चौक-चौराहों पर चुनावी दंगल में आनेवाले सरकार की ही चर्चा हो रही है। कौन प्रत्याशी कहां ठीक रहेगा इसी बात पर हर जगह चर्चा हो रही है। विधानसभा चुनाव को लेकर युवा क्या सोचते हैं। उनका जनप्रतिनिधि कैसा होना चाहिए। इसी बात को लेकर युवाओं से बातचीत की गई तो कई युवाओं ने अपनी राय बताई। आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है लेकिन अधिकांश आम मतदाताओं ने एक स्वर से जीत के बाद प्रत्याशी के बदल जाने की बात कही है। आपका प्रत्याशी कैसा हो, इस सवाल पर टका सा जबाब देते हैं कि जो जीत के बाद बदले नहीं। सभी जीतने से पहले सब अच्छा वादा करते हैं, लेकिन जीत के बाद सब भूल अपने विकास में लग जाते हैं।
युवाओं की दी गई प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार है:
पप्पू कुमार यादव (कॉलेज छात्र) का कहना है कि जनप्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए जो समाज के हर वर्ग को अपने साथ लेकर चल सके और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा दे। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान रखना चाहिए। समाज के विकास के लिए शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है।

- वहीं आकाश कुमार सिंह ने कहा कि लोगों को सड़क, बिजली, पानी की सुविधा देनी चाहिए। वहीं युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना चाहिए। महिलाओं को विशेष रूप से सुरक्षा के लिए ठोस रणनीति बनायी जानी चाहिए। जिससे कि महिलाएं निडर होकर सड़क पर निकल सकें।

मो अनवर जो की बीसीए में पढ़ाई करते है ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस पहल करनी चाहिए। वहीं बालिका शिक्षा पर जोर देने की जरूरत है। शहर में बेहतर सड़क बनें और जल निकासी की समुचित व्यवस्था बहाल हो। ऐसा काम करनेवाला जनप्रतिनिधि चाहिए, जो सभी के हितों की रक्षा कर सकें। साथ ही बच्चों को बेहतर शिक्षा एवं मजदूरों को काम देनेवाले जनप्रतिनिधि की आवश्यकता है। जनता के समस्याओं के प्रति सजग रहें। महिलाओं को सुरक्षा की गारंटी दें । जिससे महिलाएं और लड़कियां आराम से स्कूल-कॉलेज जा सकें। ऐसा प्रत्याशी जो जनता के उम्मीदों पर खरा उतर सकें।

नीरज कुमार सहनी ने बताया कि जनप्रतिनिधि ऐसा हो जो जनता के दुखों को समझ सकें। आम जनता के लिए चलायी जा रही लाभकारी योजनाओं का लाभ धरातल पर नहीं दिखता है। जनप्रतिनिधि ईमानदार हों तो जनता की परेशानी समाप्त हो जाती है। इसीलिए सबका विकास करनेवाला प्रतिनिधि की ही जरूरत और
जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील, ईमानदार एवं सर्वसुलभ होना चाहिए। साथ ही अपनी सांस्कृतिक विशेषताओं को समझते हुए देश, राज्य एवं समुदाय को विकास के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकें।






























