राजेश दुबे
सूबे में विकास के कितने भी दावे कर लिए जाए लेकिन कुछ ऐसा दिख ही जाता है जब सारे दावे धरे के धरे रह जाते है । मालूम हो कि बिहार में पिछले 15 साल से भाजपा जदयू गठबंधन की सरकार है और सरकार के द्वारा लगातार इस काल को बिहार के लिए एक स्वर्णिम काल बताया जाता है । नागरिकों को अभी भी यह कह कर डराया जाता है कि पूर्व मुख्य मंत्री लालू प्रसाद यादव के शासन काल को याद करिए कैसा जंगल राज हुआ करता था ।
सत्ता धारी दल के विधायक हो या कार्यकर्ता सभी सरकार के काम काज का गुणगान करते नहीं थकते ।लेकिन तस्वीर झूठ नहीं बोलती कोरोना महामारी के दौरान हमने देखा कि बिहार के श्रमिक कैसे भूखे प्यासे कांधे पर बैग रख कर घर पहुंचने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे । वो तो थी पलायन की स्थिति । लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति क्या है वो आप इस तस्वीर से समझ सकते है कि विधायक जी चचरी पुल का उद्घाटन कर रहे है । मालूम हो कि बिहार के सीमावर्ती किशनगंज के ठाकुरगंज विधान सभा से जदयू विधायक नौशाद आलम जिनके क्षेत्र में एक चचरी पुल बनाया गया था और वो ग्रामीणों के आग्रह पर उसका उद्घाटन करने पहुंच गए ।
आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी आप को इस इलाके में दर्जनों बास से बने ऐसे पुल दिख जाएंगे जो ग्रामीणों के सहयोग से बनाए गए है । बरसात के दिनों में इन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जान हथेली पर लेकर पहुंचते है । जिले में चार विधान सभा क्षेत्र है जिनमे से दो पर जदयू एक पर कांग्रेस और एक पर aimim का कब्जा है लेकिन सभी जगह पर आप को ऐसे पुल मिल जाएंगे । स्थानीय लोगों की माने तो जनप्रतिनिधि चाहे किसी पार्टी के हो इस और किसी का ध्यान नहीं रहता । मालूम हो कि विधायक नौशाद आलम की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोग मज़ाक उड़ा रहे है । विधायक जी का कहना है कि उन्होंने इस पुल के लिए अनुसंशा की है और जल्द ही पुल बन कर तैयार हो जाएगा ।