राजेश दुबे
जमाई षष्ठी बंगाली समुदाय का एक ऐसा त्योहार है जिसमें दामाद (जमाई) की ससुराल में खूब खातिरदारी की जाती है। यह त्योहार गुरुवार को उत्साह पूर्वक प्रत्येक घर में मनाया गया । मालूम हो कि बांग्ला कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्लपक्ष की छठी तिथि को जमाई षष्ठी का व्रत किया जाता है। त्योहार पर दामाद के लिए कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं।

यह पर्व दामाद और सास के लिए खास माना जाता है।इस दिन दामाद की पूजा कर उसके लंबी आयु की कामना की जाती है। पर्व पर बेटी दामाद कही भी हो लेकिन वो ससुराल जरूर पहुंचते है । उनके आने पर थाली में धान, दुर्बा और पांच प्रकार के फूल के साथ सास दामाद का पूजा करती है।

दामाद के माथे पर दही से तिलक लगाया जाता है। उसके बाद दामाद के हाथ पर पिला धागा बांधा जाता है। भोजन करते समय दामाद को हाथ वाले पंखे से हवा देने की भी परंपरा है।इस साल लॉक डाउन की वजह से कई लोगो में जमाई के नहीं पहुंच पाने का दुख देखा गया ।