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बिहार : सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी समाज के लोगो ने किया रेल चक्का जाम

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किशनगंज /अनिर्वान दास

इस दौरान करीब 1 घंटे तक किशनगंज स्टेशन पर रुकी रही पार्सल ट्रेन

रेल पुलिस के हस्तक्षेप से हटाया गया जाम

आदिवासी सेंगेल अभियान के बैनर तले पूर्व में घोषित राष्ट्रव्यापी रेल रोड चक्का जाम के आह्वान पर रविवार को बिहार के किशनगंज जिले रेलवे स्टेशन में काफी संख्या में आदिवासी अपनी मांग सरना धर्म कोड 2021 की जनगणना में केंद्र सरकार से लागू कराने को लेकर रेल चक्का जाम किया गया।






बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने कहा कि भारत के लगभग 15 करोड़ आदिवासियों को अपने धार्मिक मौलिक अधिकार अनुच्छेद 25 के तहत अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी और एकता के लिए अनिवार्य है।जानकारी देते हुए बताया कि पिछले अक्टूबर, सितंबर, नवंबर महीने तथा 6 दिसंबर 2020 को राष्ट्रव्यापी रेल रोड चक्का जाम , 21 जनवरी 2021 को 5 प्रदेशों में एसए के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति नई दिल्ली को चिट्ठी भेजी गई थी कि 2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड अविलम्ब लागू करें या मान्यता संबंधी घोषणा करें ।






लेकिन अब तक भारत सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक फैसला नहीं आया।इस अहम मामले पर भाजपानीत केंद्र सरकार गंभीर नहीं हैं। उन्होंने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा को हेमंत सोरेन सरकार जहां सरना धर्म कोड को लटकाने- भटकाने का काम कर रही है और राज्यपाल को बाईपास कर 11.11.2020 को झारखंड विधानसभा में पारित सरना धर्म प्रस्ताव को बिना राज्यपाल के हस्ताक्षर के केंद्र को भेजा है ,वहीं मोदी सरकार भी सरना धर्म कोड मामले पर चुप रहकर इसके विरोधी होने का प्रमाण दे रही है।






जबकि अब बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी भी खुलकर सरना धर्म कोड का समर्थन कर रही है। सरना धर्म कोड की मान्यता हेतु सरकारों का विरोध करते हुए रविवार को राष्ट्रव्यापी रेल-रोड चक्का जाम करने को मजबूर हैं। हम चूँकि हिंदू, मुसलमान और ईसाई आदि के खिलाफ भी नहीं हैं केवल सरकारों के खिलाफ हैं। दूसरों की तरह अपनी धार्मिक पहचान चाहते हैं।

ताकि भारत के आदिवासियों को भी दूसरों की तरह उनकी धार्मिक आजादी और पहचान मिल सके। उनके साथ देश में धार्मिक पक्षपात न हो। उन्हें धर्मांतरित होने को मजबूर न किया जाए। इस मौके पर जिला अध्यक्ष राजा मरांडी, जवाहर हेम्ब्रम, रविशंकर किस्कू,मुंशी मुर्मू, दुलाल मरांडी सूरज हेम्ब्रम,बुधू किस्कू ,मराॅग बेसरा,सोम किस्कू, सुनीलाल मुर्मू,बाबूलाल सोरेन,सावना मुर्मू,बुधराय टुडू, राजेंद्र मुर्मू, सुनील सोरेन,मोहन हांसदा, नरेश मरांडी,फुलमुनी सोरेन, सोनाली टुडू,ढेना सोरेन,चुड़का मरांडी, सोमय सोरेन,आदि मौजूद थे।






बिहार : सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी समाज के लोगो ने किया रेल चक्का जाम

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