ठाकुरगंज/ रणविजय
ईद-उल-फितर की नमाज़ आज बड़े ही अक़ीदत के साथ अता की गई।लॉकडाउन के कारण सामूहिक रूप से ईदगाहों में नमाज़ अता करने की पाबंदी के मद्देनजर मुस्लिम समुदाय के लोग अपने अपने घरों में ही परिवार के साथ सामाजिक दुरी के क़ायदे का पालन करते हुए ईद की नमाज़ अता की है।इस दौरान विभिन्न ईदगाहों में एक अजीब सी ख़ामोशी व वीरानी छायी रही।हालाँकि ईदगाहों में अधिकतम पांच लोगों के द्वारा ईद की नमाज़ अदायगी पर पाबंदी नही थी,इस वजह कुछ एक खास ईदगाहों में एक इमाम और बाकी अन्य चार मुकतदी के द्वारा सामाजिक दुरी बनाकर नमाज़ की रश्म अदायगी पूरी की गई।

प्रखंड के पौआखाली नानकार गांव स्थित ईदगाह में अहले सुबह यह नजारा देखने को मिला जहाँ इमाम कारी मुरशिद अनवर ने चार अन्य नमाजियों के साथ ईद की नमाज़ अता कर अल्लाह से दुआ मांगी।आज अहले सुबह ईद की नमाज़ अता करने से पहले लोग नहा धोकर नये वस्त्र परिधान पहनकर इत्र,सुरमा आदि लगाकर पहले ईद की दो रकात नमाज़ अता की फिर अल्लाह से मुल्क में खुशहाली,तरक्की व महामारी संकट से मुक्ति आदि की दुआएं मांगी।दुआ के बाद नमाज अता करवाने वाले इमाम के द्वारा ख़ुत्बा पढ़ा गया।उधर ईद की नमाज़ अता होने के उपरांत लोग एक दूसरे को सामाजिक दुरी के क़ायदे का ख्याल रखते हुए गले लगकर तो नही,मगर दिल से जरूर मुबारकबाद दी है।
लोग इसके बाद अपने घरों में बने सेवइयों से मुंह मीठा किया और कई अन्य तरह के खास पकवान के स्वाद का जमकर लुत्फ़ उठाया।इस बीच ईद में इस ख़ुशी के ख़ास मौके पर मार्मिक दृश्य भी नज़र आया,जहाँ इलाके के क्वारन्टीन शिविरों में रह रहे मुस्लिम प्रवासी भाई अपने माँ-बाप भाई-बहन व परिवार के बाकी सदस्यों से दूर अलग रहकर ईद की नमाज़ अता करने को मजबूर थें।
हालाँकि जिला प्रशासन के आदेसानुसार क्वारन्टीन शिविरों में उनकी नमाज़ से लेकर खान पान की खास तैयारियां की गई थी,लेकिन माँ बाप का दिल कहाँ मानने वाला था वो अपने घर किसी तरह नमाज़ की रश्म अदा कर क्वारन्टीन शिविरों के तरफ अपनों से मिलने की आस लिए चल पड़े।शिविर के द्वार पर जा खड़े हुए तथा बाहर से ही नम आँखे लिए अपने बेटे भतीजों से मिलकर ईद की खुशियाँ बांटी और उन्हें सलामती की खूब दुआएं दी।वाकई में यह छण बेहद मार्मिक था।इसके अलावे इधर बाजार में भी ईद की नमाज़ अदायगी के बाद लोगों की चहल पहल देखी गई,।
हालाँकि अन्य वर्षों की तरह इस वर्ष ईद की रौनक को लॉकडाउन ने खासा प्रभावित किया जिस कारण लोग सामूहिक रूप से सेवइयां आदि पकवान के दावत वगैरह के आयोजन में शरीक नही हो पाएं तथा दोस्त रिश्तेदारों के घर आना-जाना भी उतना संभव नही हो सका है।हाँ इतना जरूर है कि लोग सोशल प्लेटफार्म के जरिए ही अपनों को ईद की मुबारकबाद पैग़ाम भेजते नज़र आए।खैर,कुल मिलाकर अबकी बार मुस्लिम समाज के लोग खट्टी मीठी यादों को मन में समेटकर सादगी और सद्भाव के साथ घर में ही नमाज़ अता किए हैं। ठाकुरगंज नगर, गलगलिया, चुरली, कुर्लिकोट,पाठामारी, सुखानी,पौआखाली, जियापोखर आदि इलाके में ईद की नमाज़ शांतिपूर्ण और सद्भाव तरीके से संपन्न हो गया है।