Asaduddin Owaisi In bihar : बदलते हुए राजनीतिक समीकरण के बाद नए दाव और तेवर के साथ असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल में की धमाकेदार एंट्री

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रिपोर्ट :राजेश दुबे

विधानसभा चुनाव में सीमांचल के रास्ते बिहार में
दमदार उपस्थिति दर्ज करा चुके असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम अब बदले हुए राजनैतिक समीकरण के बाद नए दाव और तेवर के साथ लोकसभा चुनाव का आगाज सीमांचल से कर रही है ।गौरतलब हो की बीते सालों में सीमांचल के पूर्णिया अररिया ,किशनगंज के साथ साथ बिहार के मुस्लिम आबादी वाले जिलों में मजलिस का जनाधार बढ़ा है ।

मजलिस पार्टी इन इलाकों में युवा मतदाताओं की पहली पसंद बन चुकी है ।मुस्लिम समाज के युवा मतदाता अब मजलिस में अपना भविष्य देख रहे है ।कभी राजद और कांग्रेस का गढ़ माना जाने वाले सीमांचल से बीते विधान सभा चुनाव में मजलिस के पांच विधायक चुने गए थे वही लोक सभा चुनाव 2019 में भी लोगो ने मजलिस उम्मीदवार अख्तरुल ईमान को झोला भर कर वोट दिया था ।

अख्तरुल ईमान को 2 लाख 95 हजार से अधिक वोट मिले थे।हालाकि पार्टी अपने विधायकों को जोड़ कर रखने में असफल रही और चार एमएलए राजद में शामिल हो गए ।लेकिन अब फिर से मजलिस सुप्रीमो नए सिरे से सीमांचल में पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़े तेवर के साथ मैदान में उतर चुके है ।जिसके बाद सभी पार्टी की नजर उनके दौरे पर टिकी हुई है।किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं की लिस्ट पार्टी के द्वारा तैयार की गई है।जिसके सहारे एआईएमआईएम आगामी लोक सभा चुनाव में महागठबंधन को पटखनी देने के लिए कमर कस चुकी है।देखने वाली बात होगी की महागठबंधन जो की अभी तक सिर्फ ओवैसी को बीजेपी का बी टीम बताती आई है वो कैसे ओवैसी के प्लान को ध्वस्त करती है या फिर विधान सभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन को यहां शिकस्त का सामना करना पड़ता है।फिलहाल असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन के पेसानी पर पसीना तो ला ही दिया है।

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