किशनगंज/इरफान
पोठिया प्रखंड अन्तर्गत महानंदा सहित आसपास के नदियों का जलस्तर घटने से नदी के नजदीक के ग्रामीणों को राहत मिली हैं। बाढ़ ग्रस्त इलाके का पानी भी लगातार कम हो रहा हैं। जिसे ग्रामीणों के हालात सुधर रहे हैं। हालांकि अभी वहां कीचड़ और निचली जगहों पर पानी होने से हालात पुरी तरह सामान्य नहीं हो सके हैं।
लेकिन बाढ़ का खतरा टलने व कटाव थमने से लोगों ने राहत की सांस ली हैं। ग्रामीणों के मुताबिक महानंदा नदी का पानी लग-भग तीन फीट कम हो गया हैं। यदि जलस्तर फिर से नहीं बढ़ता हैं तो जल्द और हालत सुधारने की उम्मीद हैं।
लगातार घटते जलस्तर से तटवासीयों की समस्या भी कम हो रही हैं। किन्तु गांवों में घरों व रास्तो पर भीषण कीचड़ के कारण आवागमन में अभी भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। बताते चलें कि सबसे बड़ी समस्या पेयजल की हैं। सभी हैंडपंप बाढ़ की चपेट में आ चुकी हैं।
इसलिए शुद्ध पेयजल की किल्लत हैं। पहले की तुलना काफी कम पानी डिस्चार्ज किया हैं। इसलिए नदियां अपने दायरे में बह रही हैं। बाढ़ ग्रस्त गांवों के हालात भी सुधर गए हैं। एहतियातन तटीय क्षेत्र में लगातार नजर रखी जा रही हैं। लेकिन पानी घटने के दौरान घर, नाली एंव खेतों में सड़ रहे पानी से दुर्गंध उठने से लोगों के सामने विकट समस्या उत्पन्न होने लगी हैं। ज्यादा लोगो के बीमार पड़ने की संभावना हैं। सड़े पानी के दुर्गंध से डायरिया, मलेरिया, जैसे बीमारी होने की ज्यादा संभावना हैं।