किशनगंज /विजय कुमार साह
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र में बारिश नहीं होने से किसान चिंतित है। जुलाई महीना भी आधा बीत गया पर समुचित बारिश नहीं होने से किसान कृषि कार्य शुरु ही नहीं कर पाए। जुलाई में चारों ओर सूखाड़ जैसी स्थिति बन गई है। जिससे किसानों के सामने बड़ी समस्या आ गई है। किसान जून-जुलाई महीना में ही धान बीज की बोआई पूर्ण कर लिया। पर जुलाई महीना में तपती धूप के कारण खेत में लगा धान का बिचड़ा सूख कर मर रहा है।
किसान अपना फसल को नष्ट होते देखकर परेशान हैं। लैंम्पस तथा खुले बाजार से किसान उन्नत धान बीज ऊंची दाम पर खरीद कर खेतों में बुआई किया पर बारिश ने सारे मंसूबे पर पानी फेर दिया।
जून से अभी तक क्षेत्र में बारिश नही :
जून महीने से 13 जुलाई तक क्षेत्र में समुचित बारिश नहीं होने के कारण कृषि कार्य पूरी तरह से बंद है। किसान हाथ पर हाथ धरे घर में बैठे दिन काट रहे है। खेत में धान का बिचड़ा बारिश के अभाव में सूख रहा है। कहीं-कहीं तो धूप और गर्मी के कारण धान का बिचड़ा पूरी तरह से सूख कर मर गया है। अब अगर बारिश हुई तो किसानों के पास बिचड़ा भी नही होगा।
चिल्हनियॉ पंचायत के किसान बालेश्वर यादव, झड़ी लाल साह, अखिलेश्वर यादव, रामनाथ सिंह,सिकेन देव सिंह, सोहन लाल सिंह, माया नंद मंडल, ब्रह्मदेव सिंह, प्रेमलाल मंडल, मनोज कुमार, सुगन लाल सिंह, देवनारायण मंडल, भीम चौधरी, राशिद आलम, ललन झा, मुर्शीद आलम, हरिप्रसाद मंडल एवं टेढ़ागाछ के किसान अब्दुर रज्जाक, अब्दुल कैयूम, गियासोऊद्दिन, लजिमुऊद्दिन, सजीम आलम,नजरुल हुदा सहित दर्जनों किसान ने बताया कि हम लोगों ने कृषि लोन लेकर सोचा की खेती करेंगे लेकिन ऊपर वाले की कहर से हम लोग हर साल प्राकृतिक आपदा से विगत वर्ष भी धान को बाढ़ ने सारे अरमानों को पानी फेर दिया। इस वर्ष भी अत्यधिक धूप की वजह से धान का बिचड़ा जलने लगा है एवं धान के खेत फटने लगा है।