चुनावी हिन्दू 

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राजेश दुबे

नेताओं द्वारा खुद को हिन्दू साबित करने की होड़ मच चुकी है ।यह परिवर्तन बीते कुछ वर्षों में देखने को मिला है ।कभी खुद को मुस्लिम समाज का मसीहा के रूप में दिखाने वाले नेता अब चुनाव के समय मंदिर मंदिर घूमते नजर आते है ।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ,प्रियंका गांधी,अखिलेश यादव और अब ममता बनर्जी खुद को हिन्दू साबित करने में जुटी हुई है ।

मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए ईद पर इफ्तार पार्टी का आयोजन करने वाले राजनैतिक दलों के नेता अब शिव मंदिर में जलाभिषेक और गंगा जी में डुबकी लगाकर संदेश दे रहे है कि वो भी हिन्दू है ।चुनाव के समय मंदिर जाना ,आरती करना विपक्षी दलों के चुनावी एजेंडे में शामिल हो चुका है ।आखिर यह परिवर्तन आया कैसे ?

2014 से पहले कांग्रेस ,टीएमसी, सपा,बसपा सहित  अन्य राजनैतिक दल सिर्फ मुस्लिम समाज को खुश करने की कोशिश में जुटे रहते थे । देश की बहुसंख्यक आबादी का वोट उनके लिए कोई मायने नहीं रखता था । प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे नेताओ ने तो एक कदम आगे बढ़ कर यह बयान तक दे दिया था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुस्लिम समाज का है ।यही नहीं कांग्रेस सरकार ने सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा विधेयक का मसौदा तक तैयार कर लिया था जिसके तहत हिन्दुओं को अत्याचारी दिखाने की कोशिश हो रही थी ।

2014 से पहले इन्हीं नेताओ द्वारा आतंकियों की गिरफ्तारी पर आंसू बहाए जाते थे और जेल में बंद आतंकियों को छोड़ने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाता था ।जिसके बाद देश की बहुसंख्यक आबादी को श्री नरेंद्र मोदी के रूप में ऐसा चेहरा दिखाई दिया जो उनकी उम्मीदों को पूरा कर सकता था ।बीजेपी ने खुल कर हिन्दू समाज की राजनीति की और तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले नेताओ को आड़े हाथों लिया ।पीएम मोदी ने नारा दिया “सब का साथ सबका विकास तुष्टिकरण किसी का नहीं “।

नतीजा हुआ की 2014 में पूर्ण बहुमत से केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी यही नहीं देखते देखते कई राज्यो में बीजेपी की पकड़ मजबूत हुई और लोगो में यह संदेश भी गया कि बीजेपी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो देश की बहुसंख्यक आबादी का हित चाहती है और बीजेपी के लिए देश की एकता अखंडता ,सुरक्षा सर्वोपरि है । फलस्वरूप 2019 में भी देश की जनता ने बीजेपी को झोली भरकर वोट दिया और दुबारा श्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे ।बीजेपी को दुबारा मिले पूर्ण बहुमत और कई राज्यो में सत्ता से हाथ धोने के बाद कांग्रेस पार्टी सहित अन्य दलों जिनमे टीएमसी भी शामिल है और सीएम ममता बनर्जी जिन्हे जय श्री राम के नारो से चिढ़ होता था , सामने अगर कोई जय श्री राम का नारा लगा दे तो जेल भिजवा दिया जाता , अब कह रही है कि में जय श्री राम नहीं बोलूंगी जय सियाराम बोलूंगी ।

सीएम ममता बनर्जी मंच पर दुर्गा सप्तसती का पाठ करने लगी है ।बीजेपी को और क्या चाहिए था ,बीजेपी जो चाहती थी उसी के अनुरूप ममता बनर्जी कार्य कर रही है ।दस वर्षो से सत्ता पर आसीन ममता बनर्जी नामांकन से पहले समर्थकों को अपने हाथो से चाय बना कर पिला रही है और खुद भी पी रही है । जिसके बाद बीजेपी नेता ममता बनर्जी को चुनावी हिन्दू करार दे रहे हैं । बीजेपी नेता सह मंत्री श्री गिरिराज सिंह  को ममता बनर्जी को घेरने का मौका मिल गया है ।

श्री सिंह ने निशाना साधते हुए कहा कि ममता दीदी और राहुल गांधी चुनावी हिंदू हैं,यह सालों भर तुष्टीकरण करते हैं और चुनाव के समय जनता और मोदी जी के दबाव में मंदिर पहुंच जाते हैं। श्री सिंह ने कहा  सत्ता हाथ लगते ही इनके द्वारा दुर्गा पूजा पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय इस मामले पर कहते हैं कि प्रदेश की 10 साल की मुख्यमंत्री जिसको मंच पर खड़े होकर विकास पर बात करना चाहिए और वो अब चंडी पाठ करके ये सिद्ध करने की कोशिश कर रहीं कि वो हिंदू हैं।

ऐसा क्या पाप किया कि उन्हें मंच पर जाकर चंडी पाठ करना पड़ा रहा है।सीएम ममता बनर्जी हिन्दू मतदाताओं को आरती,पूजा पाठ से कितना लुभा पाती है ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेेगा फिलहाल  बंगाल के मतदाता भी ममता बनर्जी एवं अन्य नेताओं  मैंं आए इस परिवर्तन को देखकर मजेेेे ले रहे हैंं ।

सबसे ज्यादा पड़ गई