किशनगंज /विजय कुमार साह
8 किमी दूर बूथ पर कौन वोट देने जाएगा साहेब
टेढ़ागाछ प्रखण्ड के चिल्हनिया पंचायत अंतर्गत कास्त खर्रा के ग्रामीणों ने अबकी बार विधानसभा चुनाव में भागीदारी नहीं निभाने का एलान कर दिया है। जिससे प्रशासनिक हलचल तेज हो गई हैं। दरअसल, हजारों की आबादी वाले इस गांव में पोलिंग बूथ नहीं होने से नाराज लोगों ने चुनाव में भागीदारी नहीं निभाने का फैसला लिया है।
दिलचस्प बात ये है कि पिछले 20 साल से ग्रामीण बूथ शिफ्ट करने की मांग कर रहे है। प्रशासन के तरफ झूठा आश्वासन के अलावा लोगों को कुछ नहीं मिला है। थक हार कर लोगों ने लोकतंत्र के महापर्व से खुद को अलग रखने का फैसला लिया हैं। इस बाबत सैकड़ों ग्रामीणों ने गांव में मीटिंग कर बूथ पर न जाने का फैसला लिया है।

8 किमी दूर मौजूद बूथ शिफ्टिंग के मामले को लेकर पिछले दो दशक से किशनगंज के अलग अलग ऑफिसों का चक्कर लगाने वाले रिटायर्ड टीचर मो ऐनुल हुदा का कहना है बूथ नम्बर 64,उत्क्रमित मध्य विद्यालय घनीफुसरा तकरीबन 8 किमी दूर है। जहां पर पहुंचने के लिए रास्ते दुश्वार हैं। 2 जगहों पर नदी पार करना पड़ता है।
पैदल चलकर ही घनी बूथ पर पहुंचा जा सकता है। ऐसे में चंद लोग ही अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे बाकी लोग मतदान केंद्र नहीं पहुंच पाएंगे। उनके मुताबिक ये चुनाव है कोई बारात पार्टी थोड़े न है जो इन झनझावत से निपटकर चैनपुर पहुंचना ही पहुंचना है। वहीं गांव के शिक्षक जकी अनवर का कहना है बूथ नम्बर 64 के सभी मतदाता राजस्व ग्राम कास्त खर्रा के निवासी हैं इसके बावजूद भी सभी ग्रामीणों को वोट देने के लिए 8 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
जबकि इसकी शिकायत कई बार प्रखंड विकास पदाधिकारी, बीएलओ, सांसद और स्थानीय विधायक के साथ साथ जिला पदाधिकारी से की जा चुकी है। फिर भी अब तक कोई पहल नहीं हुई है। उनके मुताबिक इस बूथ को निकट के सरकारी मदरसा में शिफ्ट किया जा सकता है। किशनगंज जिला प्रशासन की मनमानी के कारण लोगों को 8 किमी दूर वोट देने के लिए जाना पड़ता है जो नाकाबिल ए बर्दाश्त है।
इस चक्कर में बूढ़े और बुजुर्ग के साथ साथ महिलाएं वोट देने से वंचित रह जाती हैं। जो लोकतंत्र के लिए अशोभनीय है। वही पूर्व सरपंच सतीलाल मंडल और वार्ड सदस्य खेमलाल मंडल का कहना है घनी फुलसरा बूथ पर सिर्फ कास्त खर्रा के वोटर हैं। इसलिए बूथ को शिफ्ट करने में कोई परेशानी नहीं हो सकती है। इस मामूली काम को आसानी से अंजाम देने में दशकों लग गए हैं जो वोटर के साथ मजाक है। मीटिंग में मौजूद AIMIM नेता हसन जावेद का कहना है कि इसी प्रखण्ड के हौआ कौल पंचायत के गमहरिया (बूथ नम्बर 49) में 1300 वोटर 4 किमी और कास्त खर्रा में 725 वोटर 8 किमी दूर सफर कर वोट डालते हैं। ये प्रशासनिक उदासीनता की शानदार मिसाल है।
जिसे इतिहास के सुनहरे पन्ने पर दर्ज करने की जरूरत है। आगे हसन जावेद का कहना है कि जिला प्रशासन जान बूझकर अल्पसंख्यक वोटरों को अपने मत प्रयोग करने से सालों से महरूम रख रहा है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। अबकी बार इस मामले को लेकर ऑनलाइन/ ऑफ़लाइन आंदोलन तेज किया जाएगा ताकि लोगों को न्याय मिल सके। मीटिंग में सगीर उद्दीन, रज्जाक आलम, अब्दुल लतीफ, रफीक आलम, महताब आलम, असलम जावेद, इमरान अहमद, जाकिर आलम, इफ्तेखार, दिलकश, चुरका टुडू, सोम टुडू, महका मरांडी, राघवेंद्र तिवारी, रतन साह, नाजिम अनवर, कासिम अनवर, अमीन उद्दीन, अयुब आलम सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।





























