प्रत्येक पंचायत में पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन,पशुपालकों को मिलेगा त्वरित एवं सुलभ लाभ

SHARE:

किशनगंज जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को समय पर एवं गुणवत्तापूर्ण पशु चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु मोबाइल वेटरिनरी यूनिट (Mobile Veterinary Unit – M.V.U.) योजना के अंतर्गत व्यापक कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक कार्य दिवस को प्रत्येक प्रखंड में चयनित दो ग्रामों में निःशुल्क पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है। इन शिविरों का संचालन संबंधित प्रखंड के भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा पूर्व-निर्धारित साप्ताहिक ग्राम सूची के अनुसार किया जाता है।

उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएँ

इन शिविरों के माध्यम से पशुपालकों को निम्नलिखित सेवाएँ प्रदान की जाती हैं –

  1. पशुओं की स्वास्थ्य जांच एवं उपचार
  2. पशुओं के रोग निदान हेतु परामर्श एवं दवा वितरण
  3. टीकाकरण (Vaccination) एवं रोग-निवारण संबंधी सेवाएँ
  4. पशुओं में परजीवी नियंत्रण एवं कृमिनाशक दवा उपलब्ध कराना
  5. पशुपालन से संबंधित तकनीकी परामर्श एवं प्रशिक्षण
  6. गंभीर/आकस्मिक बीमारियों के मामलों में त्वरित चिकित्सीय सहायता

इसके साथ ही टोल-फ्री नंबर 1962 उपलब्ध है, जिस पर कॉल करके पशुपालक आकस्मिक परिस्थितियों में पशु-चिकित्सक की तत्काल सेवा प्राप्त कर सकते हैं।

कार्यक्रम की समयावधि

दिनांक 15 सितम्बर 2025 से 20 सितम्बर 2025 तक जिले के सभी प्रखंडों के चयनित ग्रामों में पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाएगा।

प्रत्येक दिन प्रत्येक प्रखंड में दो ग्रामों का चयन कर वहां शिविर लगाया जाएगा। इस दौरान दर्जनों पशुपालक और सैकड़ों पशुओं को सीधी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

विस्तृत ग्राम सूची

(दिनांकवार एवं प्रखंडवार)

➡️ प्रखंड – पोठिया

15.09.2025 : फुलहारा एवं पानबाड़ा (कुसियारी पंचायत)

16.09.2025 : मुसलडांगा एवं पोखरिया (मिर्जापुर पंचायत)

17.09.2025 : सिंघियामारी एवं रसियाडांगी (परलाबाड़ी पंचायत)

18.09.2025 : बुढ़नई एवं गलगलिया (बुढ़नई पंचायत)

19.09.2025 : धनतोला एवं खटिया पिछला (उदगारा पंचायत)

20.09.2025 : कालीदास एवं मांगुरजान (गोरूखाल पंचायत)

➡️ प्रखंड – दिघलबैंक

15.09.2025 : दिघलबैंक एवं बालूबारी (दिघलबैंक पंचायत)

16.09.2025 : बुआलदह एवं टांगन टप्पू (मंगूरा पंचायत)

17.09.2025 : बुजरटोला एवं पंचायत टोला (लक्ष्मीपुर पंचायत)

18.09.2025 : पक्कामुड़ी एवं दहिभात (दहिभात पंचायत)

19.09.2025 : आठगछिया एवं गोरुमारा (आठगछिया पंचायत)

20.09.2025 : तुलसिया कास्ट एवं बांसबाड़ी (तुलसिया पंचायत)

➡️ प्रखंड – ठाकुरगंज

15.09.2025 : जीरनगच्छ एवं जीरनगच्छ (जीरनगच्छ पंचायत)

16.09.2025 : पटेशीरी एवं करुआमणी (पटेशीरी पंचायत)

17.09.2025 : बरचोन्दी एवं बड़ापोठिया (बरचोन्दी पंचायत)

18.09.2025 : कुकुरबाघी एवं डाकपाड़ा (कुकुरबाघी पंचायत)

19.09.2025 : छेतल एवं हसनपुर (छेतल पंचायत)

20.09.2025 : दल्लेगांव एवं दल्लेगांव (दल्लेगांव पंचायत)

➡️ प्रखंड – कोचाधामन

15.09.2025 : रानी एवं कोईतोर (मौधो पंचायत)

16.09.2025 : रंगामनी एवं माहीयारपुर (मजगामा पंचायत)

17.09.2025 : कालानागीन एवं काशीबाड़ी (कमलपुर पंचायत)

18.09.2025 : सुन्दरपुछी एवं मसतालीया (कुट्टी पंचायत)

19.09.2025 : शाहपुर ईस्तमर्रा एवं हारखुगरीया (हिम्मतनगर पंचायत)

20.09.2025 : झाटीबाड़ी अनारकाली एवं गरगांव (गरगांव पंचायत)

➡️ प्रखंड – बहादुरगंज

15.09.2025 : कोईमारी एवं कोईमारी मिलीक (अलताबाड़ी पंचायत)

16.09.2025 : हरिभाषा एवं हरिभाषा (दुर्गापुर बनगामा पंचायत)

17.09.2025 : झीलझीली एवं झीलझीली (झीलझीली पंचायत)

18.09.2025 : महादेव दिघी एवं डेहर (डेहर पंचायत)

19.09.2025 : सिंधिया एवं बनगामा (बनगामा पंचायत)

20.09.2025 : दोहमोनी एवं कटहलबाड़ी (चंदवार मिलिक पंचायत)

➡️ प्रखंड – टेढ़ागाछ

15.09.2025 : बेतबाड़ी एवं खजूरबाड़ी (हवाकोल पंचायत)

16.09.2025 : कंचनबाड़ी एवं धोखरझाड़ी (कालपीर पंचायत)

17.09.2025 : तेघरिया एवं गरगांव (बैगना पंचायत)

18.09.2025 : टोकाभाषा एवं लालपानी (खनियाबाद पंचायत)

19.09.2025 : हरियलपुर एवं फुलवारी (भोरहा पंचायत)

20.09.2025 : शिवहरमनी एवं डोरिया (झाला पंचायत)

➡️ प्रखंड – किशनगंज

15.09.2025 : गाछपाड़ा एवं अंधवकोला खाड़ीबस्ती (गाछपाड़ा पंचायत)

16.09.2025 : पियाकोरी एवं ग्वालटोली (सिंधिया कुलामनी पंचायत)

17.09.2025 : किशनगंज एवं … (किशनगंज पंचायत)

18.09.2025 : छगलिया एवं काशीपुर (बेलवा पंचायत)

19.09.2025 : चकला एवं सिंघिया (चकला पंचायत)

20.09.2025 : बस्ताडांगी एवं कनरबंदा (पिछला पंचायत)

अपेक्षित लाभ

पशुपालकों को घर के नजदीक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी।

पशुओं की बीमारी और मृत्यु दर में कमी आएगी।

दूध उत्पादन एवं पशुधन उत्पादकता में वृद्धि होगी।

पशुपालकों को तकनीकी जानकारी और रोग-निवारण के उपाय मिलेंगे।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ प्राप्त होगा।

इस अवसर पर जिला पशुपालन पदाधिकारी, किशनगंज ने बताया कि “मोबाइल वेटरिनरी यूनिट के माध्यम से जिला प्रशासन का प्रयास है कि प्रत्येक पशुपालक को बिना किसी कठिनाई के अपने गांव के नजदीक ही चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। इस पहल से पशुपालकों के समय और संसाधन दोनों की बचत होगी तथा पशुधन के स्वास्थ्य में सुधार आएगा। सभी पशुपालकों से अपेक्षा है कि वे इन शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें और अपने पशुओं को नियमित जांच एवं टीकाकरण कराएँ।”

प्रशासन की अपील

जिला प्रशासन, किशनगंज सभी पशुपालकों से निवेदन करता है कि वे इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएँ। अपने पशुओं को समय-समय पर टीकाकरण कराएँ और आवश्यकता पड़ने पर टोल-फ्री नंबर 1962 पर संपर्क कर तत्काल चिकित्सा सेवा प्राप्त करें।

सभी पशुपालकों से अपेक्षा की जाती है कि वे इन शिविरों में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित हों, ताकि पशुधन संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में सामूहिक योगदान हो सके।

सबसे ज्यादा पड़ गई