बंगाल : मोहर्रम पर घरों में की गई इबादत ,महामारी की वजह से नहीं निकला ताजिया

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किशनगंज/गलगलिया/चंदन मंडल

खोरीबाड़ी : हजरत ईमाम हुसैन की शहादत की याद में मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला मुहर्रम शांति, सौहार्द व भाईचारे के बीच रविवार को संपन्न हो गया।

मोहर्रम पर्व के अवसर पर लाठी, भाला, आदि का करतब भी दिखाया जाता था व लोग ताजिया व अलम के साथ विभिन्न मार्गो का भ्रमण करते हैं , लेकिन इस बार कोरोना के कारण रविवार को पहली बार मुस्लिम समुदाय के लोग घरों में ही मोहर्रम का पर्व मनाया।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है। जिसके चलते  मोहर्रम का जुलुस भी इस बार नहीं निकाला गया।

इस बार मोहर्रम कमेटियों की ओर से ताजियों का निर्माण भी नहीं किया गया । देशभर में जिस तरह के कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, सभी लोग घरों से ही मन्नते मांगें। मोहम्मद जमील ने बताया कि हर बार मोहर्रम पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण हमलोग घरों पर ही अल्लाह की इबादत किया। जिन लोगो ने मोहर्रम की मन्नते रखी हैं, वो अपने घरों पर चांदी की मोहर्रम बनाकर सांकेतिक रूप से मन्नते छोड़े।

बंगाल : मोहर्रम पर घरों में की गई इबादत ,महामारी की वजह से नहीं निकला ताजिया