किशनगंज/इरफान
सदर थाना क्षेत्र के महीन गांव पंचायत अंतर्गत नूनिया टोली में एक 17 वर्षीय नाबालिक बच्चे का शादी कोचाधामन प्रखंड के बगलबाड़ी पंचायत के एक युवती से तय हुआ था। गुप्त सूचना के आधार पर जन निर्माण केंद्र सहयोगी संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन किशनगंज के जिला परियोजना समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम ने अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी को देते हुए जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक, बाल कल्याण समिति, प्रखंड विकास पदाधिकारी, एवं सदर थाना को इसकी लिखित सूचना दी।
उक्त मामले को अनुमंडल पदाधिकारी लतीफूर रहमान ने गंभीरता से लेकर एक टीम गठित की। जिसमें संबंधित पदाधिकारी को निर्देश देते हुए हो रही नाबालिक बच्चे की शादी को अभिलंब रोकने को कहा। अपर समाहर्ता सह प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रधुम्मन सिंह के नेतृत्व में बनी टीम दलबल के साथ बच्चे के घर पहुंची।
संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम ने परिजनों को बताया कि बाल विवाह एक कानून अपराध है। जिसमें विवाह में शामिल सभी लोगों को दो साल की जेल व एक लाख रुपए का जुर्माना का प्रावधान है। तो वही प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी श्री सिंह ने लोगो समझते हुए कहा कि किसी भी नाबालिक की शादी करवाना या करना या किसी तरह से सहायता प्रदान करना गैर जमानतीय कानूनी अपराध है।
नाबालिक कि विवाह से शिक्षा के अधिकार, बच्चे के विकास, मानसिक शक्ति और समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह बात समझाने के बाद परिजनो के लोग मान गए और विवाह को रोक दिया गया। उक्त टीम ने परिजनों से एक शपथ पत्र भरवाया। जिसमें वह इकरार किया कि अपने बच्चे की विवाह 21 वर्ष पूरा होने के बाद ही करेंगे।
उक्त टीम में अपर समाहर्ता सह प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रधुम्मन सिंह, संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम, सामूदायिक सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद जफर अंजुम, बिपिन बिहारी, स्थानीय मुखिया अशोक पासवान, वार्ड सदस्य मोजीबुर रहमान, व ग्रामीण मौजूद थे।