कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
देश के अति प्राचीन कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड के रामगढ़ पंचायत के पवरा पहाड़ी की चोटी पर विराजमान माता मुंडेश्वरी के प्रधान पुजारी उमेश मिश्रा लगभग 18,19 साल पूर्व से मंदिर के प्रधान जारी पुजारी के पद पर कार्यरत है.18 से 19 साल तक परोक्ष रूप से किसी तरह का दाग अब तक लग-भग नहीं लग पाया है। लेकिन बीते दिनों मंदिर के एक कर्मी के द्वारा चार पांच लोगों को एक साथ ले जाकर मंदिर के गर्भ गृह में दर्शन करने की जिद करने के बाद प्रधान पुजारी के द्वारा कहा गया कि समिति का आदेश है की गर्भ गृह में दर्शन करना वर्जित है.
वही मंदिर परिसर के कर्मी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अक्सर यानी लगभग हर रोज मंदिर परिसर के अंदर गर्भगृह में रसूखदार तथा क्षमतावान दर्शनार्थियों को पुजारियों के द्वारा गर्भगृह में प्रवेश कराकर विधवत पुजारियों द्वारा दर्शन व पूजन कराया जाता है. वही मंदिर परिसर के कर्मी ने बताया कि मंदिर परिसर के अंदर सीसीटीवी लगी हुई है. उससे देखा जा सकता है.वही आक्रोशित प्रधान पुजारी उमेश मिश्रा एवं मंदिर परिसर के कर्मी के, बीच खूब तू तू मैं मैं का जुबानी जंग चली ।
हालांकि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कई तरह के आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग दोनों तरफ से किया गया जिस पर नाराज होकर प्रधान पुजारी ने धार्मिक न्यास के कार्यालय में अपना इस्तीफा देते हुए अपने साथ हुए सभी घटनाओं का उल्लेख कर आवेदन दिया।हालांकि इस संबंध मे मंदिर के प्रधान पुजारी, उमेश मिश्रा ने कहा कि मैं दूसरे राज्य का रहने वाला हूं यानी कि दूर का रहने वाला हूं कई बार मेरे साथ ऐसे हुए हैं। किसी के द्वारा कोई मदद नहीं किया जाता है.
हालांकि इससे पहले भी प्रधान पुजारी उमेश मिश्रा द्वारा इस्तीफा दिया गया है। इस बार भी प्रधान पुजारी द्वारा, इस्तीफा दिया गया है। दो बार इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ इसको ध्यान में रखते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व भी मैं दो बार अपने पद से इस्तीफा दे चुका हूँ लेकिन स्वीकार नहीं किया गया.आखिरकार इस बार प्रधान पुजारी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है या नहीं यह जानने के लिए धार्मिक न्यास के सचिव अशोक कुमार सिंह के दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उनके द्वारा किसी कारणवश फोन नहीं उठाया गया. वही इस्तीफे के बारे में पुजारी उमेश मिश्रा ने बताया की इसके पूर्व भी मैं दो बार इस्तीफा दे चुका हूं फिर भी समिति के अधिकारी एवं कर्मी क्यों नहीं इस्तीफा मंजूर कर रहे हैं. आखिर हम क्यों बार-बार इस्तीफा दे रहे हैं मंजूर नहीं किया जा रहा है.