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Immunity booster /इम्यूनिटी      बूस्टर

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प्रस्तुति /कुमार राहुल


कुमार विश्वास कहते हैं ,बाबा जी ने योगा सिखाते हुए कहा, काम छोड़ो योगा करो, धीरे-धीरे सब लोग योगा करने लगे ,और बाबा जी कारोबार ।और ऐसा कारोबार किया  की ,अच्छी-अच्छी कंपनियों को भी   सकते में  डाल दिया बाबा जी ने अपने कारोबार की फाइनेंसियल इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए।  हर एक  टीवी शो, न्यूज़ ,ऐड में नजर आते हैं। और अक्सर विवादों में भी रहते हैं। हालिया विवादित स्टेटमेंट बाबा जी ने  .. एलोपैथिक को स्टुपिड science कह डाला, साथ ही कहा कि surgery स्किल है, कोई साइंस नहीं है। बाबा ऐसा तब बोल रहे हैं ,जब सन उन्नीस सौ में भारत की आबादी की औसत आयु 22 साल थी, आजादी के समय 31 साल रही, और आज उम्र 70 साल है। 100 साल पहले 1000 बच्चों में 355 अपना पांचवा बसंत नहीं देख पाते थे। आज वह संख्या 32 है। यह सब कैसे संभव हुआ। चेचक,हैजा, plague  ,पोलियो दुनिया के नक्शे से गायब हुए, क्योंकि दुनिया में रोगों के टीके, पेनिसिलिन सहित तमाम एंटीबायोटिक और सैकड़ों जीवन रक्षक दवाओं ,रोग पहचानने के उपकरण , शल्य चिकित्सा  में महारत हासिल करना ।इनके पीछे जिस पद्धति को श्रेय जाता है वह एलोपैथी है।






विश्व में ज्ञान की सर्वमान्य विधा है।  एलोपैथिक की सफलता के विरासत को लिए हुए ,जो डॉक्टर आज भी कार्यरत हैं, वे सारे डॉक्टर ,बाबा रामदेव के विरुद्ध खड़े हो गए ,आईएमए ने बाबा को 1000 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा है, बाबा रामदेव को माफी मंगवाने के लिए दबाव देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्षवर्धन को भी सामने आना पड़ा। IMA ने कहा है, कि बाबा अपना वीडियो क्लिप डालकर माफी मांगे। आईएमए  के द्वारा एक और बात का दबाव डाला जा रहा है, कि बाबा अपने फर्म के उत्पाद coronil किट का विज्ञापन हटाए, जबकि बाबा का कहना है कि कोरोनिल से करोड़ों लोगों का कोरोना ठीक कर चुके हैं, और बाबा यह भी क्लेम करते हैं ,कि डब्ल्यूएचओ कोरोनील को सर्टिफाइड कर चुकी है। इकोनामिक टाइम्स के अनुसार कोरोनील को सर्टिफिकेट ऑफ( इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में) फार्मासिटीकल प्रोडक्ट(copp) भारत सरकार की आयुष सेक्शन ऑफ सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक डब्ल्यूएचओ सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत जारी हुई है ..जिसे 158 कंट्रीज में एक्सपोर्ट किया जा सकता है …जबकि coronil को WHO ने ना  test,ना trial ,ना certified  किया है।






बेशक कोरोनील से लोगों को फायदा हुआ होगा ,इसका यह मतलब तो नहीं , कि एलोपैथी को मूर्ख science बोल दिया जाए। साथ यह भी कहा जाए, कि किसी के बाप में दम नहीं है ,कि मुझे गिरफ्तार कर ले। यानी बाबा कानून से ऊपर हो चुके हैं ।बाबा योगा से कारोबार तक में नया कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं, ईयर 2019- 2020 में पतंजलि की टोटल रिवेन्यू 9087 . 91 करोड़ रही ,और प्रॉफिट 242.7 करोड़ रही ।जबकि 2020-2021 मई तक पतंजलि 50 करोड़ से अधिक कोरोनिल की गोली बेच चुकी है। बाबा रामदेव ने 500 रिसर्च साइंटिस्ट के साथ आपदाओं को अवसर में बदला ।वैसे बाबा अकेले नहीं है, जिसकी फिनेंशियल इम्यूनिटी इस महामारी में boost हुई ..बल्कि ऐसे खरब पतियों की संख्या इस महामारी में 700 से 2700 तक पहुंच गई। और इन खरबपतियों की आमदनी 5 खरब डालर से बढ़कर 13 खरब डॉलर तक पहुंच गई। अब आप पूछेंगे ..यह सारा जब सारी फैक्ट्री, बाजार बंद ,नौकरियां चली गई.. तो  ऐसा कैसे हो गया। हुआ कुछ ऐसा …कि सारी दुनिया में आई मंदी खत्म करने के लिए दुनिया भर के सरकारों ने अपने खजाने से 9 खरब डॉलर राहत पैकेज के रूप में अर्थव्यवस्था में झोंके।  बजाय इसके, कि यह रकम जनता की जेब में जाती, उससे बाजार में मांग बढ़ती, यह तथाकथित राहत वित्तीय बाजारों( स्टॉक एक्सचेंज, सिक्योरिटी मार्केट, बॉन्ड मार्केट) में पहुंची ।वहां शेयरों और प्रतिभूतियों के खेल के जरिए अरबपतियों की कुल आमदनी में शामिल हो गए। जो $8खरब बढ़े हैं ,वह इन्हीं 9 खरब डॉलर में से आए हैं।






अब बात करते हैं पॉलिटिकल  immunity booster की..वेस्ट बंगाल की चीफ मिनिस्टर  ममता दीदी को मोदी विरोध कर और PMके साथ  meetings से गायब रह कर खुशी मिलती है ।इससे ममता बनर्जी की immunity boost होती है ।राजनेताओं को भीड़ देखकर बड़ी खुशी मिलती है। इसलिए द्वितीय लहर की आहट के बावजूद पांच राज्यों में चुनाव की घोषणा हुई ।सभी रैलियों में, रोड शो में जबरदस्त भीड़ इकट्ठी हुईं ।सभी नेताओं की जबरदस्त पॉलिटिकल इम्यूनिटी बूस्ट हुईं.. ये अलग बात है, कि जीत के घोड़े पर सवार पार्टी पार्टी को अधिकतम जगह हार का सामना करना पड़ा ।और जिस कोरोना को हराने के लिए 137 करोड़ जनता को इम्यूनिटी बूस्टर की जरूरत थी ,,निराश ,हताश ,जनता को वह न मिल सका। वैक्सीन प्लानिंग में फेल सरकार के आंकड़े बताते हैं, कि लगभग 3.6लाख लोग ही कोरोना के कारण मरे हैं, वैसे इस आंकड़े में ग्रामीण मृतकों के आंकड़े गायब है ।इसलिए …न्यूयॉर्क टाइम्स… कहती है, कि भारत में 42 लाख लोगों की मौत कोरोना से हुई है। दूसरी लहर ढलान पर है और तीसरी  लहर सामने खड़ी है..अभी भी सरकार आम जनता का  immunity boost  नहीं कर पाई तो जान लिजिए, भारत मौत के आंकड़े में एक 100 साल पुराने (1917 – 1920 ,स्पेनिश फ्लू में सारे विश्व में 5 करोड़ लोग मारे गए थे ।जबकि केवल भारत में 2 करोड लोग आंकड़े को भी टक्कर दे देगा ।


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उपरोक्त विचार लेखक के निजी विचार है ।






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1 thought on “Immunity booster /इम्यूनिटी      बूस्टर”

  1. इस लेख से self immunised Govt को फिर से CORONIL की ZARURAT पड़ेगी. सुन्दर लेख

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