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दिल्ली :श्रम मंत्रालय ने की बड़ी घोषणा , कोविड से जान गंवाने वाले श्रमिको के परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा राहत की हुई घोषणा

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दिल्ली /एजेंसी

कोरोना महामारी की वजह से देश में बड़ी संख्या में मौतें हुई है जिनमे आम आदमी से लेकर खास आदमी तक शामिल है । महामारी की वजह से श्रमिको को भी जान गंवानी पड़ी है ।जिसके बाद श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस महामारी में जान गंवाने वाले श्रमिको के परिवारों को राहत देने का फैसला लिया है ।मालूम हो कि वर्तमान में ईएसआईसी के तहत बीमित व्यक्तियों (आईपी) के लिए, मौत या काम की वजह से चोट के कारण बीमित व्यक्ति की अक्षमता के बाद श्रमिक की औसत दैनिक मजदूरी के 90 फीसदी के बराबर पेंशन पति या पत्नी और विधवा मां को जीवनभर के लिए और बच्चों के लिए 25 वर्ष की उम्र होने तक के लिए उपलब्ध है। वहीं, बच्ची (लड़की) के लिए यह उनकी शादी होने तक के लिए है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि ईएसआईसी योजना के तहत बीमित व्यक्तियों (आईपी) के परिवारों की सहायता करने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि आईपी के परिवार के सभी आश्रित सदस्य जो ईएसआईसी के ऑनलाइन पोर्टल में कोविड बीमारी के निदान और इस रोग के कारण बाद में मौत से पहले पंजीकृत हैं, उन्हें भी काम के दौरान मरने वाले बीमित व्यक्तियों के आश्रितों को प्राप्त होने वाले लाभ और इसे समान स्तर पर ही हासिल करने के हकदार होंगे. 






यह निम्नलिखित पात्रता शर्तों के अधीन होगा :    


ए. आईपी को ईएसआईसी ऑनलाइन पोर्टल पर कोविड रोग के निदान और इसके चलते होने वाली मौत से कम से कम तीन महीने पहले पंजीकृत होना चाहिए।
बी. बीमित व्यक्ति निश्चित तौर पर वेतन के लिए नियोजित होना चाहिए और मृतक बीमित व्यक्ति के संदर्भ में कोविड रोग का पता चलने, जिससे मौत हुई हो, ठीक पूर्ववर्ती एक साल के दौरान कम से कम 78 दिन का अशंदान होना चाहिए।बीमित व्यक्ति, जो पात्रता की शर्तों को पूरा करते हैं और कोविड बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई है, उनके आश्रित अपने जीवन के दौरान बीमित व्यक्ति के औसत दैनिक वेतन का 90 फीसदी मासिक भुगतान प्राप्त करने के हकदार होंगे। यह योजना 24.03.2020 से दो वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगी।

मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि
ईपीएफओ की कर्मचारी जमा सहबद्ध बीमा योजना (ईडीएलआई) के तहत इस योजना के सदस्य की मौत होने पर उनके परिवार के सभी जीवित आश्रित सदस्य ईडीएलआई के लाभों को हासिल करने के योग्य होंगे. वर्तमान में इस योजना के तहत, कर्मचारी की मौत के मामले में दिए गए लाभों का विस्तार किया गया है ।मालूम हो कि अब ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए न्यूनतम सेवा की जरूरत नहीं है, पारिवारिक पेंशन का भुगतान ईपीएफ और एमपी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है ।बता दे कर्मचारी के बीमार होने और कार्यालय न आने की स्थिति में साल में 91 दिनों के लिए बीमारी लाभ के रूप में कुल मजदूरी का 70 फीसदी का भुगतान किया जाता है।


मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में इसमें निम्नलिखित संशोधन किए गए हैं:


ए. मृतक कर्मचारी के परिजनों को मिलने वाली अधिकतम लाभ राशि को 6 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया है.
बी. मृतक कर्मचारियों के पात्र परिवार के सदस्यों को 2.5 लाख रुपये का न्यूनतम आश्वासन लाभ, जो अपनी मौत से पहले एक या अधिक प्रतिष्ठानों में 12 महीने की निरंतर अवधि के लिए सदस्य था। मौजूदा प्रावधान में एक प्रतिष्ठान में 12 महीने तक लगातार रोजगार का प्रावधान है. इससे अनुबंधित/अनौपचारिक मजदूरों को लाभ होगा जो एक प्रतिष्ठान में लगातार एक वर्ष तक काम करने की स्थिति के कारण लाभ से वंचित थे।
सी. 15 फरवरी 2020 से पहले के प्रावधान के मुताबिक न्यूनतम 2.5 लाख रुपये मुआवजे के प्रावधान की बहाली।
डी. आगामी 3 वर्षों में, एक्चुअरी ने अनुमान लगाया है कि पात्र परिवार के सदस्यों को वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक ईडीएलआई फंड से 2185 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
ई. योजना के तहत मृत्यु के कारण होने वाले दावों की संख्या प्रति वर्ष लगभग 50,000 परिवार होने का अनुमान लगाया गया है. इसमें लगभग 10,000 श्रमिकों की अनुमानित मौत को भी शामिल किया गया है, जो कोविड के कारण हो सकती है।
ये कल्याणकारी उपाय उन श्रमिकों के परिवारों को बहुत जरूरी सहायता प्रदान करेंगे और उन्हें महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में वित्तीय कठिनाइयों से बचाएंगे, जिनकी कोविड-19 बीमारी के कारण मौत हो गई।






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