खोरीबाड़ी /चंदन मंडल
अंतर्राष्ट्रीय मानव मिलन की ओर से मंगलवार की सुबह मानव मिलन के संस्थापक केशरी डॉ. मणिभद्र मुनि महाराज जी के नेतृत्व में जिओ और जीने दो स्लोगन के साथ सर्वोदय शांति पद यात्रा निकाली गई. यह मारवाड़ी पंचायत भवन(नक्सलबाड़ी ) से नेपाल के लिये रवाना हुयी. इसमें सैकडों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. वहीं, भारत – नेपाल सीमा व खोरीबाड़ी थाना क्षेत्र अन्तर्गत के पानीटंकी के रास्ते नेपाल -सीमा पहुंचने पर उनका नेपाल हिंदू स्वयंसेवक संघ के द्वारा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया.

इस दौरान मानव मिलन के संस्थापक केशरी डॉ. मणिभद्र मुनि महाराज ने कहा कि व्यक्ति स्वयं अपने सुख-दु:ख का कर्ता है. राम जैसे अवतारी पुरुषों ने भी कर्म प्रभाव के कारण कष्ट झेलना पड़ा. उन्होंने कहा कि कर्म का फल सबको भोगना पड़ता है. इसलिए बुराइयों से दूर कर सदैव अच्छे कर्म करने चाहिए. इसलिए कभी भी ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि अच्छे-बुरे कर्म का फल उसे नहीं मिलेगा. कर्म का फल समय आने पर अवश्य मिलता है. आगे उन्होंने कहा कि दूसरों की बुराइयों को ढूंढने की बजाए अपने विचारों को सुंदर बनाएं. आज व्यक्ति की हालत ऐसी हो चुकी है कि ¨जदगी भर आइना साफ करता रहता है, जबकि अपने चेहरे पर जमी धूल उसे दिखाई तक नहीं देती है . सुखी जीवन जीना चाहते हैं तो औरों की बढ़ती पर कभी भी लालच मत करें और औरों की खुशी पर जलना बंद कर दें .शिकवा शिकायतें न करें, जितना मिला है उसके लिए धन्यवाद कहें. साथ ही उन्होंने कहा कि हम कितना ही अपने आपको सुंदर बना लें जब तक मन सुंदर नहीं होगा तो सुंदरता नहीं आयेगी.






























