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हाइड्रोसील मरीजों के उपचार में तेजी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग उठा रहा जरुरी कदम: डॉ. परमेश्वर प्रसाद

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  • हाइड्रोसील मामलों का क्रॉस वैलिडेशन जारी

पटना। “बिहार में हाइड्रोसील रोगियों के ऑपरेशन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सभी हाइड्रोसील मरीजों में लगभग 80% मामले फाईलेरिया के होते हैं। राज्य सरकार द्वारा हाइड्रोसील मरीजों के निशुल्क ऑपरेशन की व्यवस्था की गई है। इस अभियान के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय एवं अस्पतालों जिला, और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कैंप मोड में ऑपरेशन किए जा रहे हैं”, उक्त बातें अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया।

जनवरी से लेकर 30 नवंबर तक 7380 हाइड्रोसील मरीजों के हुए ऑपरेशन

डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया राज्य में इस वर्ष के जनवरी माह तक 17390 हाइड्रोसील मरीज चिह्नित थे। इसमे इस वर्ष राज्य में जनवरी से लेकर 30 नवंबर तक 7380 हाइड्रोसील मरीजों के ऑपरेशन किए गए हैं। बाक़ी बचे हुए चिन्हित हाइड्रोसील मरीजों के सफ़ल ऑपरेशन को प्रभावी बनाने और अधिक से अधिक मरीजों तक पहुंचने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जन-जागरूकता गतिविधियों के तहत स्वास्थ्य कर्मी, आशा कार्यकर्ता और स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से मरीजों को ऑपरेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह पहल बिहार सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि राज्य शीघ्र ही हाइड्रोसील ऑपरेशन के 100% लक्ष्य को हासिल कर लेगा। यह प्रयास राज्य के उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है, जो आर्थिक तंगी के कारण इलाज नहीं करा पाते थे।

आयुष्मान भारत के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों में करा सकते हैं हाइड्रोसील ऑपरेशन

डॉ. परमेश्वर प्रसाद के अनुसार इस पहल के तहत मरीजों को कई विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। हाइड्रोसील ऑपरेशन के लिए मरीजों को अस्पताल तक लाने और ले जाने की सुविधा उपलब्ध है। ऑपरेशन के साथ-साथ पोस्ट-ऑपरेटिव केयर के लिए निशुल्क दवाइयां भी प्रदान की जा रही हैं। दूर-दराज के क्षेत्रों में मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर लाकर ऑपरेशन कराया जा रहा है। यह सेवा बिल्कुल निःशुल्क है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के पास आयुष्मान भारत कार्ड है, वो सम्बंधित अस्पतालों में भी इसके जरिये ऑपरेशन करवा सकते हैं। साथ ही आयुष्मान भारत के लिए सूचीबद्ध अस्पतालों से अपील की गयी है कि वे हाइड्रोसील मरीजों का अपने अस्पताल में ऑपरेशन करें एवं इसकी सूचना राज्य फाईलेरिया नियंत्रण कार्यालय को प्रदान करें। हाइड्रोसील के चिन्हित मामलों का क्रॉस वैलिडेशन किया जा रहा है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी पात्र मरीजों को सही समय पर उपचार मिल सके। यह न केवल हाइड्रोसील रोगियों की सही संख्या का आकलन करने में मदद करता है, बल्कि ऑपरेशन प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने में भी सहायक है।

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हाइड्रोसील मरीजों के उपचार में तेजी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग उठा रहा जरुरी कदम: डॉ. परमेश्वर प्रसाद

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