पटना /संवादाता
पटना में एक डॉक्टर की शर्मनाक घटना सामने आ रही है जो मरीजों की जान बचाने के लिए मिल रहे ऑक्सीजन की कालाबाजारी कर रहा था। एक ऑक्सीजन सिलेंडर को वो 50 से 60 हजार रुपए में बेचा करता था। इस बात की भनक बिहार की आर्थिक अपराध शाखा को लगी। जिसके बाद टीम ने हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर अबुल वफा को रंगे हाथ कालाबाजारी करते हुए पकड़ा।डीएसपी रजनीश और भास्कर रंजन की टीम ने पटना के शास्त्री नगर थाना इलाके में चल रहे मल्टी स्पेशलिस्ट यूनिक हॉस्पिटल में गुरुवार की देर शाम छापेमारी की जिसके बाद आक्सीजन की कालाबाजारी का पूरा काला चिट्ठा खुल गया है।
सूत्रों कि माने तो इसके पास से ऑक्सीजन से भरी हुई सिलेंडर भी बरामद की है । इससे हुई पूछताछ और मिले कनेक्शन के आधार पर टीम ने कालाबाजारी के धंधे में शामिल धनरुआ के सांडा के रहने वाले धुपेंद्र कुमार और किशनगंज जिले के झांगे डिगी के रहने वाले राजू कुमार को पकड़ा। धुपेंद्र ने शराब पी रखी थी। ब्रेथ एनेलाइजर से उसकी जांच की गई। जिसमें उसके शराब पिए होने की पुष्टि हो गई। टीम ने इनके पास से ऑक्सीजन से भरे कुल 7 जम्बो सिलेंडर और दो छोटे सिलेंडर, कई रेगूलेटर, एक बाइक और एक मालवाहक गाड़ी जब्त बरामद किया है।
बताते चले कि अबुल वफा एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट है। इस कारण वो अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखता है। यूनिक हॉस्पिटल उसने ही खोल रखा है। ये मूल रूप से मुजफ्फरपुर जिले के हथौड़ी थाना के तहत खानपुर गांव का रहने वाला है। इसके पिता मो. अब्दुलाह मुजफ्फरपुर जिला परिषद के सदस्य हैं। फिलहाल अबुल पटना के सकुर कॉलोनी में रह रहा था। टीम को पता चला कि पिछले साल 2020 में मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थाना में अबुल वफा के उपर एक FIR 194/20 दर्ज हुई थी।जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, वैसे-वैसे अबुल वफा के काले कारनामे भी सामने आने लगे,ड्रग इंस्पेक्टर के जरिए इसके पूरे स्टॉक को अब खंगाला जा रहा है। आशंका है कि आगे की जांच और पड़ताल में कई और चौंकाने वाले टीम को पता चला कि पिछले साल 2020 में मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थाना में अबुल वफा के उपर एक FIR 194/20 दर्ज हुई थी। हालांकि इसके हॉस्पिटल में जिस वक्त छापेमारी हुई, उस दौरान कुछ मरीज वहां एडमिट मिले।
सनीखेज मामले पर EOU के ADG नैयर हसनैन खान खूद पूरी नजर रख रहे थे। टीम ने जब डॉक्टर को रंगे हाथ ट्रैप किया तो फिर उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टर को मौके पर बुलवाने का आदेश दिया। अब हॉस्पिटल से लेकर उसके घर व दूसरे ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। अब ये जाच कि जा रही है ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब तलाशे जा रहे हैं।आखिर किस आधार पर और कितना ऑक्सीजन पकड़े गए डॉक्टर अबुल के हॉस्पिटल को मिल रहा था? क्या इसका हॉस्पिटल कोरोना मरीजों की जांच के लिए पटना जिला प्रशासन की तरफ से परमिट किए गए 90 हॉस्पिटल्स की लिस्ट में शामिल था?





























