किशनगंज में चाइल्ड हेल्पलाइन और प्रशासन ने रुकवाया नाबालिग की शादी

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सोनभद्र संवाददाता/किशनगंज

किशनगंज जिले के डेरामारी पंचायत में शुक्रवार को चाइल्ड हेल्पलाइन और जिला प्रशासन ने एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की की शादी रुकवाने में सफलता हासिल किया है। यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जिसमें बताया गया था कि 11 जुलाई को होने वाली इस शादी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं।

चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इसकी जानकारी जिला बाल संरक्षण निकाय के सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी को दी। उनके निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें सुपरवाइजर अब्दुल कयूम, काउंसलर इफत अनाज, केस वर्कर कुंदन कुमार और कोचाधामन थाना प्रशासन शामिल था। टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की, जहां शादी की तैयारियां चल रही थीं। टेंट लगा हुआ था और रस्में शुरू हो चुकी थीं। जांच में पाया गया कि लड़की की उम्र मात्र 16 वर्ष है, जो बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत गैरकानूनी है।

प्रशासन और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने लड़की के परिजनों को बुलाकर बाल विवाह के कानूनी और सामाजिक दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से समझाया। परिजनों को बताया गया कि नाबालिग की शादी न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह लड़की के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य के लिए भी हानिकारक है। शुरुआत में कुछ हिचकिचाहट के बाद परिजनों ने अपनी गलती स्वीकार की और शादी रोकने पर सहमति जताई।

परिजनों से एक शपथ पत्र भी लिया गया, जिसमें उन्होंने वचन दिया कि जब तक लड़की 18 वर्ष की नहीं हो जाती, तब तक उसकी शादी नहीं करेंगे और न ही आसपास बाल विवाह होने देंगे। इस दौरान आसपास के लोगों को भी बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया।

जिला बाल संरक्षण निकाय के सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी ने कहा कि बाल विवाह रोकना सामाजिक जिम्मेदारी है, और प्रशासन इस दिशा में कड़ाई से काम कर रहा है। चाइल्ड हेल्पलाइन की इस त्वरित कार्रवाई की स्थानीय लोगों ने सराहना की।

किशनगंज में चाइल्ड हेल्पलाइन और प्रशासन ने रुकवाया नाबालिग की शादी

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