डेस्क:18वी लोकसभा का प्रथम सत्र आज से शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य सदस्यों को आज शपथ दिलवाई गई ।उसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जोरदार निशाना साधा है।उन्होंने कहा की कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी की संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था।
उन्होंने कहा की जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है।पीएम मोदी ने कहा इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था।
पीएम मोदी ने कहा की 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा की विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से, बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना, ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।
आज का दिवस गौरवमय है :पीएम
पीएम मोदी ने संसद सत्र शुरू होने को लेकर कहा की संसदीय लोकतंत्र में आज का दिवस गौरवमय है, ये वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारी अपनी नई संसद में ये शपथ समारोह हो रहा है। अब तक ये प्रक्रिया पुराने सदन में हुआ करती थी। उन्होंने कहा की आज के इस महत्वपूर्ण दिवस पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हृदय से स्वागत करता हूं, सबका अभिनंदन करता हूं और सबको अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।उन्होंने कहा की संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों की पूर्ति का है। नए उमंग, नए उत्साह के साथ नई गति, नई ऊंचाई प्राप्त करने का ये अवसर है।
पीएम मोदी ने कहा करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा की विकसित भारत के हमारे संकल्प को पूरा करना हम सबका दायित्व है। हम मिलकर उस दायित्व को निभाएंगे और जनता का विश्वास हम और मजबूत करेंगे।सदन में सामान्य मानवी को debate व vigilance की अपेक्षा होती है। लोगों को ये अपेक्षा नहीं है कि नखरे होते रहें, ड्रामा होता रहे, डिस्टरबेंस होता रहे। लोग substance चाहते हैं, slogan नहीं।