गलगलिया/दिलशाद
योजना के 7 साल के बाद भी अब तक शुरू नहीं हो पाई मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना हर घर नल का जल योजना। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत ठाकुरगंज प्रखंड के भातगॉव पंचायत के सभी वार्ड में तकरीबन 46 लाख की लागत से अधिकांश जगहों पर अभी जल नल योजना के तहत निर्माण हो रही पानी टंकी अर्धनिर्मित है।
जिससे सरकार द्वारा लाखों खर्च करने के बाद भी लोगों को इस योजना का लाभ अब तक नहीं मिल रहा है। फलस्वरूप लोगों के लिए शुद्ध पेय जल मिलना सपना जैसा लगने लगा है। भातगॉव पंचायत मुख्यमंत्री सात निश्चय नल जल योजनाओं से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ठाकुरगंज प्रखंड के भातगॉव पंचायत में अब भी लोग आयरन युक्त पानी पीने को विवश है।
ग्रामीण इलाकों के लोगों को स्वच्छ पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सात निश्चय योजना के तहत प्रमुख योजनाओं का संचालन किया जाना था लेकिन आजादी के 70 सालों बाद भी कालापानी के नाम से जाना जाने वाले इस पंचायत के लोगो को साफ पानी नही मिल पाया है।
बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 तक हर-घर मुफ्त शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए संकल्पित है परंतु मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत प्रखंड क्षेत्र में हर घर नल जल योजना का लाभ अब तक धरातल पर नहीं उतर सका है। इसके फलस्वरूप लोगों के लिए शुद्ध पेय जल मिलना सपना जैसा लगने लगा है इन योजनाओं में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के कार्य ठाकुरगंज प्रखंड के भातगांव में लगभग लगभग पूरी तरह से संपन्न तो हो गया है ।
किंतु लोगो को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण स्थानीय ग्रामीणों में विभाग के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है। पंचायती राज विभाग ने इसे सभी वार्ड में चालू करने की स्वीकृति भी दे दी है। लेकिन ठेकेदार और पीएचडी विभाग के मनमर्जी से इन योजनाओं में काम बहुत धीमी गति यानि ना के बराबर हो रहा है। पंचायती राज विभाग ने योजनाओं को चिन्हित कर वार्ड में जल्द से जल्द कार्य करवाने और इसकी स्थिति सुधारने लिए सख्त हिदायत दी है। लेकिन इसका अबतक कोई असर नहीं दिख रहा है। संबंधित योजनाओं को पूरा करने और समय से जनता को लाभ दिलाने का प्रयास किया जाना था। लेकिन, लापरवाही के कारण आज तक ये महत्वाकांक्षी योजना हवा हवाई बनकर रह गई है। किसी को कोई मलतब ही नहीं ।अफसर इसकी जिम्मेदारी लेने से भाग रहे है। आज ऐसी स्तिथि है जिसके कारण सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को जमीन पर उतारने के लिए कोई ठोस कदम भी नहीं उठाये जा रहे है।
इस संदर्भ में पीएचडी विभाग के जूनियर इंजीनियर नरेश कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि यह मामला हमारे संज्ञान में आया है। अब तक क्यों नहीं चालू किया गया हम इसकी जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे साथ ही संबंधित ठेकेदार का भुगतान भी रोक दिया गया है। अगर एक सप्ताह में नल का जल चालू नहीं किया जाता है तो संबंधित ठेकेदार पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।