अररिया /अरुण कुमार
दधीचि देहदान समिति अररिया के जिला अध्यक्ष अजातशत्रु अग्रवाल की पहल पर शुक्रवार शनिवार की देर रात 2 पुण्य आत्मा के द्वारा मरणोपरांत नेत्रदान कर इतिहास रचा गया।यह पुनीत कार्य दरभंगा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर नवीन कुमार शर्मा के द्वारा डॉक्टर अनुनय और डॉक्टर रवि कुमार के नेतृत्व में भेजी गई मेडिकल टीम के जरिए पूरा किया गया।

इस पुनीत कार्य में समिति के राज्य इकाई के प्रधान महासचिव पद्मश्री डॉक्टर बिमल जैन ,पूर्णिया इकाई के संरक्षक डॉक्टर ए के गुप्ता,सचिव रविन्द्र कुमार,बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी समेल्लन,बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी महिला सम्मेलन,बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी युवा मंच,तेरापंथ सभा,साधुमार्गी जैन समाज,दिगंबर जैन समाज,तेरापंथ महिला मंडल तेरापंथ युवक परिषद तेरापंथ कन्या मंडल,साधुमार्गी जैन महिला मंडल,साधुमार्गी जैन युवक परिषद,महेश्वरी सभा, महेश्वरी महिला मंडल,ब्राह्मण सभा कलवार जागृति मंच सहित विभिन्न राजनैतिक दलों, विभिन्न स्वंयसेवी सगठनों,धार्मिक संगठनों समाजसेवियों आदि की उल्लेखनीय भूमिका रही जिनके प्रति जिला अध्यक्ष श्री अग्रवाल ने आभार जताया।
पूरी जानकारी देते हुए श्री अग्रवाल ने बताया की सर्वप्रथम बालाजी भजन मंडली के संस्थापक संतोष गोयल के परिवार जनों द्वारा रात 8.30 बजे संतोष जी के स्वर्गवाश होने की जानकारी मिली तथा उसके उपरांत प्रेमा देवी जी बोथरा के परिजन प्रदीप बोथरा और हेमू बोथरा जी के द्वारा अपनी माता जी के स्वर्गवासी होने की जानकारी दिए जाने पर कटिहार मेडिकल कॉलेज के द्वारा एक बार फिर से केमिकल न रहने की बात कही गई।इसके बाद डीएमसीएच से संपर्क किए जाने पर उनके यहां से पहुंची टीम ने नेत्रदान कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया ।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि बोथरा परिवार के द्वारा 5 दिन पूर्व ही नेत्रदान करने का संकल्प जिलाध्यक्ष से किया जा चुका था वही स्वर्गीय गोयल जी के एकमात्र पुत्र आदर्श गोयल के फारबिसगंज से बाहर कोलकात्ता में रहने के वावजूद समिति की पहल और अपने परिजन विजय गोयल,पिंटू गोयल,निशांत गोयल आदि के साथ अपनी पत्नी शिवानी गोयल की प्रेरणा पर अपनी बहनों से बात कर नेत्रदान की सहमति दूरभाष पर समिति को दी।
इन दोनो पुण्य आत्मा की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा।जाति समाज से ऊपर उठकर हर वर्ग के लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा जब तक सूरज चांद रहेगा नेत्रदानी संतोष गोयल और नेत्रदानी प्रेमा देवी बोथरा तेरा नाम रहेगा की आवाज को गुंजायमान किया।पूरे शव यात्रा के दोराण अपने अपने घरों के सामने और छत पर खड़े रहकर उनका अंतिम दर्शन किया।अंतिम दर्शन के लिए महिलाओं और पुरषों में होड़ लगी रही ।सभी इस क्षण के गवाह बनने के लिए आतुर नजर आए।
सनद रहे कि स्व गोयल अपने पीछे एक पुत्र ,पुत्रवधु, 3 पुत्रियां सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं जबकि स्व बोथरा अपने पीछे 2 पुत्र और 1 पुत्री का भरा पूरा परिवार छोड़ गईं है।समिति के संरक्षक बछराज राखेचा,मांगी लाल गोलछा,बिनोद सरावगी पूनम पांडिया,इंजीनियर आयुष अग्रवाल पवन मिश्रा,बिपुल छाजेड़ अड़ी ने कहा कि दोनो नेत्रदानी के परिवारजनों को सम्मानित किया जाएगा स्व मोहन लाल सेठिया के मरणोपरांत उनके पुत्र राकेश सेठिया और पुत्रवधू कल्पना सेठिया के द्वारा नेत्रदान की जगाई गई अलख के आने वाले दिन में मुकाम हासिल करने का विश्वास समिति के सदस्यों ने जताया है।