सिख समुदाय से माफी मांगे अख्तरुल ईमान -मुजाहिद आलम
असदुद्दीन ओवैसी के सामने ही सिख समाज के खिलाफ दिया था अमर्यादित बयान
किशनगंज /प्रतिनिधि
जदयु प्रदेश उपाध्यक्ष मुजाहिद आलम ने एआईएमआईएम बिहार प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अख्तरुल ईमान के सिक्ख समुदाय पर दिए गए विवादास्पद बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि किसी भी धर्म या समुदाय के लोगो की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा की अख्तरुल ईमान 1970 की बात कर रहे है तो उन्हें बताना चाहिए की तब जिले में शिक्षा दर क्या था साथ ही जिले में प्रति व्यक्ति आय कितनी थी ।
गौरतलब हो की प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने अमौर में सभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी के सामने ही कहा था की 1970 में पंजाब से आने वाले लोग हमारे यहां के बुजुर्गो के पैर की धूल साफ किया करते थे। जिसके बाद राजनीति गर्म हो चुकी है ।एक तरफ सिख समाज जहां उनसे माफी की मांग कर रहा है वही दूसरी तरफ श्री आलम ने भी उनसे माफी की मांग की है।
वही श्री आलम ने कहा कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवेशी अपनी सियासी जमीन तलाशने सीमांचल के दौरे पर आए थे. उन्होंने कहा कि सीमांचल के लोगो ने इस बार मन बना लिया है और महागठबंधन को जीताकर भेजेंगे. यहां ना तो एमआईएम और ना ही भाजपा की दाल गलने वाली है. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ विकास की बात करते है.
उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों के बाद ढाई साल बाद जब फिर लोकसभा चुनाव आ रहा है तो एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवेशी को सीमांचल की याद आयी है. उन्होंने कहा कि एमआईएम का कहना है कि सीमांचल शब्द का प्रयोग सबसे पहले उन्होंने किया जबकि यह सचाई से कोसों दूर है.
सीमांचल शब्द सबसे पहले स्व फणीश्वर नाथ रेणु और उसके बाद सबसे ज्यादा सीमांचल गांधी के नाम से महशूर स्व मो तस्लीमुद्दीन ने किया था. एमआईएम् सिर्फ वोट के लिए झूठ बोलकर लोगो की भावनाओं के साथ खेलती है लेकिन जनता इस बार उन्हें वोट से सबक सिखाकर रहेगी. एमआईएम प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने विधानसभा चुनावों के दौरान वादा किया था कि चुनाव जीतते ही पुल बना देंगे लेकिन चुनाव के बाद पुल नहीं बना और वो वहाँ के विधायक है तो उन्हें जनता को जवाब देना चाहिए. प्रेसवार्ता में जदयु नेता कमाल अंजुम सहित अन्य उपस्थित थे.