पूर्णियाँ : 8 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध न्यायालय ने जारी किया वारंट,जानिए क्या है पूरा मामला

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पूर्णियाँ/प्रतिनिधि


पूर्णिया के 8 पुलिस अधिकारियों पर कानून का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय के न्यायालय ने जिले के 8 पुलिस पदाधिकारी के खिलाफ वारंट जारी किया है। वारंट जारी होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। जिन 8 पुलिसकर्मियों पर न्यायालय से वारंट निर्गत हुई है उनमें मरंगा थानाध्यक्ष मिथलेश कुमार, सदर थाना के पूर्व थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, प्रशिक्षु डीएसपी आनंद मोहन, किशनगंज की पूर्व महिला थाना प्रभारी पुष्पलता कुमारी, सहायक खजांची थाना में पदस्थापित रहे अब्दुल मन्नान, सुबोध चौधरी और प्रेम शंकर सिंह,गुलाम सरवर शामिल है।


दरअसल सभी पुलिसकर्मी पूर्णियाँ ब्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता शहिदुल हक के माधोपारा स्थित आवास में किशनगंज महिला थाना में दर्ज एक मामलें को लेकर रात्रि में पहुँचे थे। जिसपर अधिवक्ता ने पुलिस से घर का सर्च वारंट मांगा। अधिवक्ता के मुताबिक सर्च वारंट माँगते ही सभी पुलिस अधिकारी मारपीट करने लगे। यहाँ तक कि घर के बच्चों के साथ मारपीट करते हुए सभी को उठाकर अधिवक्ता के साथ थाना ले गए।

वहीं दूसरे दिन जेल भेजने के दौरान न्यायालय में प्रस्तुत करने पर न्यायालय ने किसी प्रकार का कोई मामला ही नहीं पाया और सभी को रिहा कर दिया। वहीं न्यायालय ने पाया कि अधिवक्ता की 17 वर्षीय पुत्री के शरीर पर उसके कपड़े नहीं थे वह एक महिला पुलिसकर्मी के कपड़ा पहनकर आयी थी। जिसपर सभी ने पुलिसिया जुल्म की कहानी सुनाई जिसपर न्यायालय में भी पुलिस की कार्यवाई की निंदा की।


वहीं पुलिस जुल्म का शिकार अधिवक्ता जब घर पहुँचा तो घर मे भारी नुकसान पाया। फिर अपने साथ हुए घटना की जानकारी बार काउंसिल को दी। जिसके बाद जिला बार काउंसिल और स्टेट बार काउंसिल का एक शिष्टमंडल पूर्णियाँ पुलिस अधीक्षक से मिलकर कार्यवाई की बात कही मगर आरक्षी अधीक्षक द्वारा कोई कदम नहीं उठाने के बाद अधिवक्ता द्वारा पूर्णियाँ न्यायालय में अभियोग पत्र 914/2021 दायर किया गया।

जिसपर न्यायालय ने गैर जमानतीय धारा में संज्ञान लिया। फिर सभी को सम्मन जारी किया गया। वहीं घटना को लेकर अधिवक्ता शहीदुल हक ने बताया कि पुलिस सिंर्फ एक आवेदन पर ही किसी के घर मे घुस जाती है, जबकि यह कानून नहीं है। पुलिस को भी यह समझना होगा कि पहले वे इंसान है। मगर मेरे साथ जिस तरह का ब्यवहार किया गया जो सारे दुनिया ने देखा। एक अधिवक्ता को बिना जुर्म के मारपीट कर नंगे पांव गंजी और लुंगी में सारे समाज के सामने परिवार सहित ले जाया गया, जिसे मैं कदापि नहीं भूल सकता हूँ।

इनलोगो को इनके कृत्य की सजा दिलाकर रहूँगा। उन्होंने बताया कि माननीय न्यायालय ने सभी 8 पुलिस कर्मियों के खिलाफ वारंट निर्गत कर दिया है। अब बहुत जल्द गिरफ्तारी भी होगी वह दिन अब दूर नहीं है। वहीं उन्होंने वारंट निर्गत होने के बाबजूद कई पुलिसकर्मियों के थानाध्यक्ष पद पर बने रहने पर भी आपत्ति जताई है।

पूर्णियाँ : 8 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध न्यायालय ने जारी किया वारंट,जानिए क्या है पूरा मामला