ठाकुर जी के नाम से लिखी गयी जमीन को हड़प रहे पुजारी, धरना के बाद डीएम से किया शिकायत
कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी लिबरेशन जिला कमेटी कैमूर के लोगों ने धरना देने के बाद जिला पदाधिकारी को आवेदन दिया है। जिसमें बताया है कि ठाकुर जी के नाम से लिखी गयी जमीन को उसी मंदिर के पुजारी हड़प रहे है। डीएम से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। डीएम को दिये गये आवेदन में बताया है कि आजादी से 87 साल पहले चैनपुर थाना क्षेत्र के दुबे के सरैया गांव के रहनेवाले राय बहादुर व हरिनंदन द्विवेदी ने अपनी 140 एकड़ जमीन ठाकुर जी गोपाल जी के नाम से दान कर दिया था।
जिससे उनका रामभोग हो सके और जन कल्याण के लिए अस्पताल व स्कूल खुल सके। हरिनंदन द्विवेदी निसंतान थे। हरिनंदन द्विवेदी के साला राजा पांडेय का बेटा स्व्. बलिराम पांडेय उर्फ रेंगई पांडेय पुजारी बनकर दान की हुई सारी संपत्ति को हड़पने लगे। बाद में यह जमीन सार्वजनिक न्यास बोर्ड के पास चली गयी। जिसका निबंधन संख्या 3646 है। यह जमीन कई गांव और मौजो में पड़ती है और इस गांव के लोग पुस्त दर पुस्त उक्त जमीन पर बटाई पर खेतों करते आ रहे हैं। स्व. रेगई पांडेय और उनके परिवार के द्वारा जमीन की खरीद बिक्री भी चल रही है। जिसपर अपर समाहर्ता कैमूर के द्वारा दाखिल खारिज व जमाबंदी पर रोक भी लगाया गया है। अभी यह जमीन ट्रस्ट के नियंत्रण में है।
आवेदन में बताया है कि जमीन के मुकदमा के सिलसिले में चैनपुर थाना के मेढ़ गांव के रामचंद्र राम भभआ आ रहे थे कि दुबे के सरैया गांव के बाहर टेंपों से खींचकर प्रताप पांडेय कमल पांडेय प्रकाश पांडेय बबलू पांडेय और तीन चार अज्ञात लोगों द्वारा पीट पीट कर हत्या कर दी गयी। अभी तक एक अभियुक्त की गिरफ्तारी हुई है। हत्या एक सितंबर 2022 को की गयी। जिसका चैनपुर थाना कांड संख्या दर्ज है। अभियुक्तों द्वारा गांव में घूमकर धमकी भी दी जा रही है।
ऐसी स्थिति में भाकपा माले के कैमूर जिला इकाई के द्वारा एक दिवसीय 31 अक्तूबर 2022 को जिला मुख्यालय के समक्ष धरना दिया गया है। जिसमें उक्त मामले कई मांगें मांगी गयी है। मौके पर विजय सिंह यादव जिला सचिव भाकपा कैमूर, बबन सिंह किसान महासभा जिला संयोजक कैमूर, मोरध्वज सिंह, सत्यवंती देवी, मेराज आलम, सियाराम, लूटावन प्रसाद , गिरधारी शर्मा, जयप्रकाश निराला सिंगासन राम, बबल सिंह, विजय सिंह यादव, पिंटू राम समेत कई मौजूद रहें।