अररिया /अरुण कुमार
नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश गांव में दशकों पूर्व लगाए गए बिजली के पोल और तार जर्जर हो चुके हैं। हल्की सी हवा में आपस में टकराती तारे कभी भी किसी बड़ी दुघर्टना का कारण बन सकती हैं।बिजली के जर्जर तार गांवो के हजारों लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। लगातार मांग के बाद भी इनसे छुटकारा नहीं मिल पा रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग के लोग हादसे के इंतजार में हैं। यहां से गुजरने वाले वाहनों को भी डंडे से तार ऊपर उठाने के बाद निकलने का रास्ता मिल पाता है।
इसी तरह कहीं पेड़ों पर तो कहीं पर डंडों के सहारे तार बंधे हुए हैं।गांवों में बिजली के जर्जर तार अर्से से लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हैं। अक्सर तार टूट कर सड़क पर गिरते हैं। इससे कई बार बड़ा हादसा भी टल चुका है। कुछ लोग व मवेशी तार की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं। रोड से गुजरते वक्त यात्रियों को हर पल मौत का खतरा बना रहता है। यात्री भी जर्जर तारों को देख डरे हुए हैं। इन्हीं जर्जर तारों से बिजली की आपूर्ति एक हजार से अधिक घरों में की जा रही है।
तारों के आपस में टकराने से चगारियां निकलते रहती है जिससे हमेशा दुघर्टना का भय बना रहता है। ग्रामीणों ने कहा कि गत दिनों बरसात के दौरान लोगों को हर समय बिजली के पोलों के गिरने का भय बना रहता था। स्कूली बच्चोंं भी इन्हीं तारों के नीचे से गुजकर स्कूल जाते हैं। ऐसे में कभी तार टूटने से बड़ी दुघर्टना हो सकती है। बिजली विभाग की लापरवाही के चलते जर्जर तार आए दिन हादसों का कारण बने हुए है। स्थिति यह है कि आए दिन किसी न किसी क्षेत्र से हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से हादसे हो रहे है। कई गांव में तार इतने जर्जर है कि आए दिन टूटते है, जिससे जहां एक ओर गांवों की सप्लाई बाधित होती है वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को बिजली तारों से होने वाले हादसों से जूझना पड़ता है।
अमरोरी में जर्जर तार के कारण जानवर की मृत्यु और फसल में लग चुके हैं आग,बाल-बाल बचे ग्रामीण
नरपतगंज प्रखंड के अमरोरी गांव में जर्जर तार के गिरने से परमेश्वर यादव का एक भैंस भी मर गया। वही राम प्रसाद यादव ट्रेक्टर से फसल को लेकर घर जा रहे थे तो जर्जर व झुका तार के कारण फसल में आग लग गई।
फुलकाहा के मानिकपुर स्थित अमरोरी के मुख्य मार्ग की गलियों में खंभों पर झूलते तारों का सबसे ज्यादा बोझ दिखाई देता है। तेज हवा के झोंके से चिंगारी फूटना आम बात हो गई है। कई घर तो ऐसे हैं, जिनसे सटे हुए तारों का मकडज़ाल है। आये दिन तार टूटकर घर पर गिरते रहते हैं। हाल में अमरोरी के एक ग्रामीण के दरवाजे पर रात में 11 हजार बिजली का तार टूटकर गिर गया। जब ग्रामीण जगा तो तार में ही लिपट गया। संयोग रहा कि उस समय बिजली नहीं थी और ग्रामीण बच गए। ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण किसान 3 बजें रात में ही मवेशी को लेकर चराने जाते है। जब अंधेरे में तार टूटकर सड़क पर गिर जाए तो ऐसे में मवेशी के साथ किसान की भी जान जा सकती है।
सुबह सुबह बच्चे कोचिंग संस्थान पढ़ने जाते है यदि तार टूटकर गिर जाए तो बच्चे भी उनकी चपेट में आ सकते है। बिजली विभाग इतना बेपरवाह कैसे हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है 2010 में गांव में बिजली आई तब से आज तक न तार बदला गया है और न कही पोल लगाया गया है। तार जर्जर होने के साथ साथ पोल भी काफी दूरी पर लगा है जिनके कारण अक्सर तार टूटने की घटना होती रहती है। कई बार तार टूटने के कारण कई बड़े हादसे होते-होते टले हैं
गर्मी में बढ़ेगा तारों पर लोड
गर्मी अब दस्तक देने वाली है। इससे बिजली की खपत बढ़ जाएगी। ओवर लोड की वजह से तार ज्यादा टूटने तय हैं। जर्जर तारों पर सैकड़ों घरों में बिजली आपूर्ति का लोड होने से समस्या गंभीर हो जाएगी। कई जगहों पर तो बिजली के जर्जर तार लोगों के घरों को छूकर निकले हैं। इससे समस्या बढ़ी है। यहां कई बार हादसे भी चुके हैं।
अमरोरी निवासी छात्र नीतीश कुमार ने कई बार कॉल करके भी विभाग के अधिकारी को कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर उसने फारबिसगंज एसडीओ कार्यालय जाकर भी आवेदन दिया। उसने बताया कि जर्जर तार ग्रामीणों के लिए खतरों से खाली नहीं है।
वही मनीष कुमार ने कहा कि यह तार बहुत जर्जर हो चुका है, जिससे आए दिन दुर्घटना की आशंका बनी रहती है, सड़क होकर अक्सर बच्चे जाते-आते रहते है यदि कभी अनहोनी हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा
बिजली एसडीओ कोमल कुमारी ने बताया कि आवेदन मिला है,जर्जर तार हटाने के लिए हमलोग एस्टीमेट बना रहे है। जल्द जर्जर तार हटवाया जाएगा।