पंडितो के खिलाफ दिए बयान पर घिर गए पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, विराट ब्राम्हण एकता परिषद ने सीएम नीतीश कुमार से की कारवाई की मांग 

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पूर्णिया एवं समस्तीपुर पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए थाने में दिया गया आवेदन

बिहार :भगवान सत्यनारायण की पूजा एवं ब्राम्हण समाज पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा दिए गए अशोभनीय बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मांझी चौतरफा घिर चुके है और सभी उनसे माफी की मांग कर रहे है। वहीं विराट ब्राह्मण एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस.के .भारद्वाज एवं सचिव प.विनय मिश्रा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सीएम नीतीश कुमार से मामले पर संज्ञान लेते हुए कारवाई की मांग की गई है ।एकता परिषद द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि ब्राह्मण समाज उसकी पूजा पद्धति और भगवान सत्यनारायण के खिलाफ जातीय और धार्मिक दुर्भावना से ग्रस्त होकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने जिस तरह से शर्मनाक एवम गैर जिम्मेदाराना और आपराधिक साजिश के तहत बयान दिया है विराट ब्राह्मण एकता परिषद कड़े शब्दों में उसकी निंदा करता है।

वहीं पूर्व सीएम से सवाल पूछा गया कि किस ब्राह्मण ने आपके यहाँ जबरदस्ती पूजा करवा दिया ? किस ब्राह्मण ने आपके यहाँ खाने से मना कर दिया ? स्वयं मुख्यमंत्री रहते हुए बिहार में आपने क्या किया वो किसी से छुपा नहीं और आरोप लगाते है ब्रह्मणो पे कि खाना नहीं खाकर पैसा लेते है। एकता परिषद द्वारा कहा गया कि जीतनराम मांझी  ब्राह्मणों के खिलाफ समाज को भड़का कर बिहार को पुनः एकबार जातीय हिंसा की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे है। यह बयान सिर्फ ब्राह्मण समाज के खिलाफ़ नही बल्कि सनातन एवम श्री राम को मनाने वालों के खिलाफ भी है ।साथ ही कहा गया कि देश में एक ट्रेंड चल गया है ब्राह्मणों को गाली देने और उसी ट्रेंड को आगे बढ़ा रहे है जीतनराम मांझी । बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  को संज्ञान लेकर अपने इस बिगड़ैल नेता पर सीएम करवाई करनी चाहिए।

विराट ब्राह्मण एकता परिषद द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति

तमाम पोलिटिकल पार्टी को भी इस बिगड़ैल नेता के खिलाफ निदा प्रस्ताव पारित करनी चाहिए। यह कोई अनजाने में दिया गया बचकाना बयान नहीं है, बल्कि जातियों को आपस में लड़ाने के उद्देश्य से आपराधिक साजिश के तहत दिया गया बयान है जिसे विराट ब्राह्मण एकता परिषद बर्दास्त नही करेगी।श्री भारद्वाज ने कहा ब्रह्मणो के बौद्धिक स्तर को कमतर आंकने की कोशिश ना करे । आप से पहले भी बहुतों ने ब्राह्मणों के लिए अपशब्द का प्रयोग किया और उनका राजनीतिक जीवन आज कहाँ है ये पढ़ लीजिए।बता दे दो दिन पूर्व जीतन राम मांझी ने एक सभा में ब्राम्हण समाज के खिलाफ अशोभनीय बयान दिया था ।

बयान के बाद जब उनकी चौतरफा निंदा होने लगी तो अपने बयान से पलट ते हुए रविवार को जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने पंडितो को नहीं बल्कि अपने समाज के लोगो को यह गाली दी थी ।वहीं दूसरी तरफ इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा,बीजेपी से राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ,बीजेपी विधायक गोपाल ठाकुर,जदयू नेता उपेन्द्र कुशवाहा, सहित अन्य नेता भी मांझी से माफी मांगने की मांग कर चुके हैं ।














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