नवादा :33 साल बाद हत्या के आरोपी चार सहोदर भाइयों सहित छह लोगों को आजीवन कारावास की कोर्ट ने सुनाई सजा

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हत्या में शामिल दो आरोपी की हो चुकी है मौत

नवादा /रामजी प्रसाद

नवादा में हत्या के एक मामले का फैसला 33 साल बाद कोर्ट द्वारा सुनाया गया है।वहीं आरोपियों को आजीवन कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई गई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार सिंह ने गुरुवार को यह सजा सुनाई। सजा सिरदला थाना इलाके के लखनी बीघा गांव के पगला और सतेंद्र प्रसाद रूपलाल प्रसाद राजेंद्र प्रसाद चालू प्रसाद कुलदीप प्रसाद व रघु उर्फ रघुनंदन प्रसाद को मिली इसमें रूपलाल प्रसाद चालू प्रसाद कुलदीप प्रसाद वर्मा उर्फ रघुनंदन सहोदर भाई बताए गए हैं।

अपर लोक अभियोजक अजीत कुमार ने बताया कि घटना 24 अप्रैल 1988 की संध्या लक्ष्मी बीघा गांव के महावीर महतो आहार की ओर गए थे, जहां सजा पाए लोगों के साथ बालमुकुंद मिस्त्री एवं कर्मियों ने मिलकर तेजधार हथियार से उनकी हत्या कर दी थी ।घटना के बाबत मृतक के पुत्र रामस्वरूप प्रसाद ने सिरदला थाना में कांड दर्ज कराया था।






इस फैसले के पीछे दोनों आरोपियों बालमुकुंद मिस्त्री एवं शुक्र मियां की मृत्यु हो चुकी है। गवाहों के बयान के आधार पर न्यायाधीश ने 6 आरोपियों पगला और सतेंद्र प्रसाद रूपलाल प्रसाद राजेंद्र प्रसाद चंदू प्रसाद कुलदीप प्रसाद वर्मा उर्फ रघुनंदन प्रसाद को भादवि की धारा 302 और 149 के तहत आजीवन कारावास तथा प्रत्येक आरोपियों को ₹10000 अर्थदंड की सजा सुनाई।

हत्या की घटना 24 अप्रैल 1988 को हुई 33 साल में 8 दिन गुजरने के बाद आरोपियों को उनके जुर्म की सजा मिली । हालांकि घटना के समय सभी आरोपी युवावस्था में थे लेकिन बुढापा में सजा काटना होगा फिलहाल विलंब से ही सही पूरे परिवार को न्याय मिला है। ।बता दे कि वर्चुअल व्यवस्था के तहत सुनवाई करते हुए सजा सुनाई गई ।सजा पाने वाले सभी आरोपी मंडल कारा में बंद है।






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