Biharnews:तीन सप्ताह बाद रजौली पहुंचा यूरिया,10 हजार बोरी उर्वरक की जरूरत पर उपलब्ध हुआ मात्र 14 सो बैग

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नवादा /रामजी प्रसाद के साथ सनोज कुमार संगम

रजौली प्रखंड के किसान उर्वरक का इंतजार कर रहे थे ,ताकि खरीद कर खेतो में डाल सके । इस बीच आज रजौली खाद पहुंचा ।लेकिन सिर्फ  14 सौ बोरा उर्वरक उपलब्ध करवाई गई है। यूरिया आने की सूचना के बाद बिस्कोमान कृषि सेवा केंद्र रजौली मैं  किसानों की काफी भीड़ उमड़ पड़ी।

फलतः शांति पूर्वक वितरण के लिए पुलिस का सहारा लेना पड़ा। उर्वरक का वितरण सोमवार से शुरू कर दी गई है। बताया कि 1400 बैग इफको यूरिया बिस्कोमान को उपलब्ध कराया गया है। जिसका वितरण संभवत एडवाइस कटने के बाद क्या जा रहा है । लेकिन तकनीकी खराबी के कारण मात्र 357 लोगों के बीच में खाद वितरण किया जा सका। बता दें एक माह पहले धान रोपनी समाप्त हो जाने के बाद अपनी फसलों में यूरिया डालने के  लिए किसान परेशान हैं। पिछले तीन सप्ताह से भी अधिक समय से रजौली क्षेत्र में यूरिया की कमी है। फिलहाल जो यूरिया उपलब्ध करवाया गया है। वह आवश्यकता के अनुसार ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। 

डीलरों की मनमानी के कारण बाजार में उत्पन्न हो रही है यूरिया की समस्या:-


इस बार जिला कृषि कार्यालय ने खुदरा उर्वरक बिक्रेताओं को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर खाद बिक्री करने का निर्देश दिया है। लेकिन दुकानदारों को अधिक कीमत पर डीलरों के द्वारा खाद उर्वरक उपलब्ध कराए जाने के कारण कम कीमत पर उर्वरक बेचने में घाटा को देखते हुए छोटे दुकानदार उर्वरक बेचने से परहेज कर रहे हैं। यही कारण है कि  किसान खाद खरीदने बाजार के लाइसेंसी दुकान पर जाते हैं तब उन्हें खाद नहीं होने की बात बताई जाती है। दूसरी ओर बिस्कोमान में किसानों को जरूरत के मुताबिक यूरिया उपलब्ध नहीं करवाई जाती है। ऐसे में अधिकारियों और उर्वरक के डीलरों की मनमानी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है और किसान खाद के लिए काफी परेशान हो रहे हैं।






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