किशनगंज :टेढ़ागाछ के कई गांव में घुसा बाढ़ का पानी ,ग्रामीणों ने घर छोड़ ऊंचे स्थानों पर ली शरण ,प्रशासन से मदद की लगाई गुहार

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किशनगंज /विजय कुमार साह

टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र से छोड़े गए पानी से प्रखंड क्षेत्र होकर बहने वाली रेतुआ, कनकई, गोरिया नदी उफान पर है। वहीं मटियारी , धवेली, भोरहा, चिल्हनिया, डाकपोखर आदि पंचायतों के घरों में घुसा बाढ़ का पानी।जिससे जन जीवन हुआ अस्त व्यस्त। मटियारी पंचायत स्थित मालीटोला गांव में दर्जनों घर कनकई नदी के कटाव के जद में है।और पुरा इलाका जलमग्न हो गया है।जिससे दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग घर छोड़ उँचे स्थानों पर जाने को हुए मजबूर।






जिला पारिषद श्यामलाल राम, मटियारी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अशरफ अली, वार्ड सदस्य अब्दुल कैयुम, उप मुखिया नूर आलम ने बताया कि वार्ड नंबर पन्द्रह मालीटोला में दर्जनों घर कनकई नदी के गर्भ में विलीन होने के कगार पर है। जिसमें मुख्य रुप से जमील आलम, जाबुल आलम, अबु आला, हबेबुल, मोहन राम, अलीमुद्दीन, शकीला खातून, हकीम आलम, अनिसूर रहमान आदि लोगों के घर से दस फीट की दूरी पर कनकई नदी का कटाव लगातार जारी है। जिसके कारण तटीय क्षेत्र के ग्रामीणों में भय का माहौल है।






वहीं चिल्हनिया पंचायत स्थित आदिवासी टोला, सुहिया हाट बस्ती, देवरी टोला, कोठी टोला आदि गांव भी रेतुआ नदी के कटाव के जद में आ चुके है, और भोरहा पंचायत स्थित फुलवरिया हाट व धवेली पंचायत स्थित दर्जन टोला, लोधाबाड़ी, हाथीलद्या तथा झुनकी मुशहरा पंचायत स्थित धापरटोला आदि दर्जनों गांवों में सैकड़ों घर व उपजाऊ जमीन रेतुआ नदी के कटाव के जद में आने के कारण विलीन होने के कगार पर हैं।, पर अभी तक कोई जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियों ने सूध नहीं ली है। जिससे प्रखंड क्षेत्र के लोगों में आक्रोश का माहौल है।हाटगाँव पंचायत स्थित समाजसेवी अकमल समसी चिल्हनिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अनिल कुमार, विरेंद्र यादव उप मुखिया आनंद ठाकुर, सरपंच दीप लाल मांझी, भोरहा पंचायत के मुखिया जगदीश साह, उप प्रमुख विंदेश्वर साह धवेली पंचायत के मुखिया नजामुद्दीन झुनकी मुशहरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अफसार आलम आदि लोगों ने बताया कि जल्द कटाव रोधी कार्य समय पर नहीं किया गया तो सैकड़ों घर व उपजाऊ जमीन रेतुआ नदी के गर्भ में कभी भी समा सकता है।इसी प्रकार प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सड़क, पुल-पुलिया ध्वस्त हो जाने के कारण ग्रामीणों को आवाजाही में विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अगर समय रहते जल्द आवागमन शुरू नहीं किया गया तो ग्रामीणों के समक्ष भुखमरी की नौबत उत्पन्न हो सकती है।






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