किशनगंज :उद्धारक की बाट जोह रहा है इंडोर स्टेडियम

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किशनगंज/विजय कुमार साह

टेढागाछ प्रखंड मुख्यालय स्थित इंडोर स्टेडियम अपने भाग्य पर आंसू बहा रहा है। जहां बच्चों की प्रतिभा में चमक निखारने का मौका मिलता आज वहां जानवरों का बसेरा एवं जंगल झाड़ में तब्दील है। इंडोर स्टेडियम उद्धारक की बाट जोह रही है। खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य तत्कालीन भवन निर्माण मंत्री स्वर्गीय मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के अथक प्रयास से स्टेडियम निर्माण की पहल की गई थी।

लेकिन संवेदक ने चारों ओर से दीवार खड़ा कर निर्माण कार्य बंद कर दिया। जो आज शोभा की वस्तु बनी युवाओं का मुंह चिढ़ा रहा है। समाजसेवी अकमल शमसी डॉक्टर हसनैन रेजा पूर्व जिला पार्षद शौकत अली ने बताया कि 10 मार्च 2008 में तत्कालीन उप विकास आयुक्त के समक्ष लोगों ने इंडोर स्टेडियम का मामला उठाया था।

उन्होंने प्राथमिकता के तौर पर किशनगंज भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता से सारी वस्तु स्थिति को स्पष्ट करने अन्यथा विभागीय कार्रवाई करने को कहा तत्काल कार्यपालक अभियंता नई डीपीआर बनाकर टेंडर निकाला लेकिन वर्षों प्रयास के बावजूद निर्माण कार्य अभी तक अधूरा पड़ा है। इस बीच संवेदक कनीय अभियंता का तबादला हो गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया हैं।

किशनगंज :उद्धारक की बाट जोह रहा है इंडोर स्टेडियम