■ जरूरी है जनसंख्या नियंत्रण
राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज के द्वारा ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ पर गुरुवार को सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने बढ़ती आबादी के दुष्प्रभावों के प्रति चेताया और जनसंख्या नियंत्रण को बहुत जरूरी बताया।
अध्यक्षता कर रहे प्रधावाचार्य प्रो.(डाॅ. ) संजीव कुमार ने कहा कि पश्चिमी देशों का क्षेत्रफल बड़ा है, पर वहां की आबादी अपेक्षाकृत बहुत कम है। इसके विपरीत भारत में क्षेत्रफल की तुलना में आबादी ज्यादा है। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है।
हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सजल प्रसाद ने कहा कि आबादी बढ़ने के कारण बाप-दादा के बड़े-बड़े खेतों के छोटे-छोटे टुकड़े होते जा रहे हैं। बच्चे की अच्छी परवरिश देने का दायित्व माँ-बाप पर है। इसलिए उतने ही बच्चे अच्छे, जितने की अच्छी परवरिश कर सकें।
अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) गुलरेज़ रौशन रहमान ने कहा कि शिक्षा और विकास का जितना प्रसार होगा, उतनी ही लोगों में जागरूकता फैलेगी और लोग बर्थ कंट्रोल करेंगे।
संचालन कर रहे एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. क़सीम अख़्तर ने कहा कि पूरे विश्व में हर साल बढ़ती आबादी को देखते हुए 11 जुलाई 1989 से जनसंख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ही विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत हुई।
सेमिनार में दर्शनशास्र विभागाध्यक्ष कुमार साकेत,गणित विभागाध्यक्ष देवाशीष डांगर, इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ. अश्विनी कुमार,बांग्ला विभागाध्यक्ष डॉ.श्रीकान्त कर्मकार, भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ. अनुज कुमार,अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. रमेश कुमार,राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष संतोष कुमार समेत शिक्षकेतर कर्मी, एनएसएस स्वयं सेवक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।