रिपोर्ट /बिपुल विश्वास
फारबिसगंज नगर परिषद चुनाव के समय नजदीक आने के साथ क्षेत्र में वोट के कथित ठेकेदार सक्रिय हो गए हैं. सभी वार्ड में वोट दिलाने के नाम पर कथित छुट भैया नेता इन दिनों सक्रिय होकर प्रत्याशियों को वोट दिलाने के नाम पर जमकर अपने जेब गर्म कर रहें हैं.जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, चुनाव में धन बल का भी इस्तेमाल बढ़ रहा है. नगर परिषद क्षेत्र में वोटों के ठेकेदार की भूमिका निभाने वाले लोग भी सक्रिय हो गए हैं. यह ठेकेदार प्रत्याशियों से अपनी गली-मोहल्ले के वोट उनके पक्ष में डलवाने के लिए सौदेबाजी में जुट गए हैं.
कोई मुख्य पार्षद बना रहा है तो कोई उपमुख्य पार्षद. जिस का कहीं नहीं चल रहा है तो वह अपने इलाके में वार्ड पार्षद बनाने में लगा है. विभिन्न समुदायों में भी वोट के कथित ठेकेदार सक्रिय हो गया है. ठेकेदार प्रत्याशियों को अधिक से अधिक वोट उनके पक्ष में डलवाने का लालच देकर अपनी जेब भरने में जुटे हैं. प्रत्याशी भी अपनी जीत पक्की करने के लिए हर संभव प्रयास करे रहे हैं. कुछ वर्ष पहले तक चुनाव आयोग मतदान के प्रति इतना सख्त नहीं था.
बैनर, पंफलेट व होर्डिंग पर प्रत्याशी दिल खोलकर खर्च करते थे.जिस प्रत्याशी के बैनर, पोस्टर व पंफलेट अथवा लोगों की जेबों पर प्रत्याशी या पार्टी के बिल्ले ज्यादा दिखाई देते थे, उसकी जीत का आकलन करने में आम लोगों को दिक्कत नहीं होती थी. लेकिन पिछले दो-तीन चुनावों से चुनाव आयोग की सख्ती के चलते प्रत्याशी भी मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहें हैं.
प्रत्याशी भी अपनी स्थिति का ठीक से आकलन नहीं कर पा रहा है. वोट के कथित ठेकेदार जगह जगह देर रात तक बैठक कर प्रत्याशी को वोट दिलाने का भरोसा दिला रहें हैं.ऐसे में वोट के ठेकेदारों की चांदी हो गई है. वोट के ठेकेदार प्रत्याशियों का आकलन करने लगे हैं कि किस मोहल्ले में प्रत्याशी कितना वोट और पैसा खर्च कर सकता है.इसके लिए प्रत्याशियों से ठेका कर रहे हैं. यह ठेका वोटों के आधार पर हो रहा है.हालांकि मतदाताओं को इस बात की हवा तक नहीं है कि उन्हीं के मोहल्ले का एक व्यक्ति पूरे मोहल्ले के वोट डलवाने के लिए प्रत्याशी के साथ सौदेबाजी कर रहा है.
वहीं कई वोटरों ने कहा इस बार किसी के बहकावे में नहीं आने वाले हैं शहर हित में वोट दिया जाएगा. जो लोग वोट दिलाने के नाम पर कथित तौर पर ठेकेदारी कर रहें वे अपने घर का भी वोट प्रत्याशी को नही दिला सकते हैं ठेकेदार प्रत्याशी से रकम लेकर कितने वोट उसकी झोली में डलवा सकेगा, यह प्रत्याशियों को भी अंदाजा नहीं है. लेकिन प्रत्याशी को चुनाव जीतने के लिए इन ठेकेदारों पर विश्वास करना पड़ रहा है. वोट के लिए ठेकेदारों द्वारा मांगी गई कीमत भी चुका रहें हैं.
कई ठेकेदार ऐसे भी हैं जो एक नहीं कई-कई प्रत्याशियों को झांसा देकर अपना उल्लू सीधा कर रहें हैं.चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी भी अपनी अपनी जीत की उम्मीद के लिए हर काम करने को तैयार हैं. वहीं प्रत्याशी भी वोटरों को अपने अपने पक्ष में करने में जुट गए हैं. नगर परिषद चुनाव को लेकर फारबिसगंज में प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर. सभी प्रत्याशियों द्वारा डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया गया है. मतदाता खामोश सभी की बातों को सुन रहें हैं.