पुल पुलिया के अभाव में आज भी नाव और चचरी पुल का ही है ग्रामीणों को सहारा
बाढ़ की वजह से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल हुई नष्ट ग्रामीण मायूस
टेढ़ागाछ (किशनगंज)विजय कुमार साह
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के लोगों का आवागमन का साधन इतने दशकों बाद भी नाव हीं है। अभी भी यह प्रखंड विकास की रोशनी से महरूम हैं। नदियों में आए बाढ़ व कटाव से सैकड़ों घर और हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन हर वर्ष नदियों में विलीन हो जाते हैं।पर आज तक इस क्षेत्र के लोगों के लिए विभाग के तरफ से कोई ठोस और कारगर कदम नहीं उठाया गया। इन्हें इनके हाल पर छोड़ दिया गया है। वर्षा के मौसम में छोटे मोटे स्तर पर कटाव रोधी कार्य कर केवल खानापूर्ति किया जाता रहा है।
अगर व कारगर कदम उठाए गए होते तो हर वर्ष इतने भारी पैमाने पर घर और उपजाऊ जमीन नदियों में विलीन नहीं होते। सदियों से इस क्षेत्र के लोग नदियों व छोटे मोटे धारों पर पुल पुलिया के लिए तरस रहे हैं। पुल पुलिया के अभाव में लोग जान जोखिम में डालकर छोटे छोटे नाव के सहारे नदियों को पार कर आवाजाही करने को मजबूर हैं।
बताते चलें कि टेढ़ागाछ प्रखंड होकर बहने वाली कनकई ,रेतुआ एवं गोरिया नदी को पार करने के लिए वर्षा के मौसम में नाव और सुखा के मौसम में बांस का चचरी पुल हीं इनके नसीब में है। हालांकि रेतुआ, कनकई व गोरिया नदी पर पक्का एक -एक पुल का निर्माण विगत कुछ वर्षों में हुआ है। वहीं ग्रामीणों का मानना है कि इन नदियों में और भी पुल पुलिया की दरकार है।
वहीं टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के हवाकोल पंचायत के वार्ड नंबर तीन स्थित रेतुआ नदी के खुरखुड़िया घाट में रविवार से नाव चालू होने से लोगों में खुशी का माहौल है। बताते चलें कि इस घाट पर नाव चालू होने से दर्जनों गांव के लोगों का आवागमन सुलभ होगा।
ज्ञात हो कि इस होकर कुंवाड़ी,खर्रा,नित्यशाला, डाकपोखर,कुचहा,बेणुगढ़,आमबाड़ी,रहमतपूर,सुहिया,गिल्हनी, बैगना मटियारी,तेघरिया, दुर्गापुर,कलापहाड़,धाधर,चंद्रगांव, ठंवापाड़ा सहित दर्जनों गांव के लोगों का अब आगमन हुआ करता है। इसी प्रकार प्रकार सुहिया, लोधाबाड़ी, देवरी, हाट गांव भेलागुड़ी, आदि जगहों पर नाव के पतवार के सहारे ज़िन्दगी जी रहे हैं।