आपदा में अवसर तलाश रहे है ठेकेदार – दक्षिणेश्वर राय 

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अररिया / अरुण कुमार 

कटाव प्रभावित क्षेत्रों में करवाए जा रहे कार्य को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता ने गंभीर सवाल खड़े किए है। श्री राय ने कहा की नियम कायदे को ताक पर रखकर सिमेंट की बोरी मे मिट्टी भरकर क्षतिग्रस्त जगहों पर संवेदक खानापूर्ति कर रहे है।

सामाजिक कार्यकर्ता श्री दक्षिणेश्वर प्रसाद राय ने ग्रामीण कार्य विभाग फारबिसगंज पर एफडीआर योजनाओं मे लुट खसोट के  कई गंभीर आरोप लगाए हैं.श्री राय ने विभाग के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि यह विभाग धांधली व दलाली करने वालों को संरक्षण देकर मानक कार्य के विपरीत कार्य कर रही है. श्री राय ने कहा कि फारबिसगंज विधानसभा के लगभग 10 पंचायत प्रत्येक वर्ष बाढ से आंशिक रुप से प्रभावित होता है, जहाँ विभाग के द्वारा एफडीआर योजना से सडक, पुल, पुलिया,एंव एप्रोच सडक का रिपेयरिंग करती है.

उन्होंने कहा की विभाग के कार्यपालक अभियंता व जेई के मिलीभगत से छोटे योजना की भी इस्टीमेट बढाकर बनाया जाता है. श्री राय ने कहा प्रत्येक वर्ष अमौना,किरकिचिया, जोगबनी, बथनहा,अम्हारा,खैरखां,चिकनी,रमै, लहसुनगंज, घोडा घाट,भागकोहलिया, तिरसकुंड, खवासपुर, गढा पोटरी,पछियारी झिरुआ, मिर्जापुर, टेढी मुशहरी समेत अन्य जगहों पर इस योजना से कार्य किया जाता है,कार्य के जांच की मांग जिलाधिकारी अररिया, प्रमंडलीय आयुक्त पुर्णिया समेत बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से की है. 

श्री राय ने करोडों रुपये के धांधली का आरोप विभाग पर लगाते हुए कहा कि धरातल पर सही मायने मे अगर जांच की जाती है तो एक बडा घोटाला उजागर होना तय है.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ सडको के गड्ढो का फोटो कहीं और का दिखाकर  फर्जी तरीके से बिल पास करवाकर सरकार को करोडों रुपये का चुना अधिकारी लगाते हैं.उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग सरकार से की है  साथ हीं उन्होंने ऐसे भ्रष्ट अधिकारी व संवेदकों के विरुद्ध कानुनी कारवाई की मांग भी की है. 

श्री राय ने सवालिया लहजे में विभाग से पुछा है जहाँ सरकार की करोड़ों रुपये खर्च कर बाढ ग्रस्त इलाके में  कटे हुए सडकों व क्षतिग्रस्त पुल पुलिया के एप्रोच सडक को बनाया जाता है आखिर बार बार वही  क्यों हर वर्ष दुबारा, तीबारा, काम किया जाता है? अगर विभाग व  संवेदक एफडीआर का काम मानक नियम के अनुसार करे तो ऐसी नौबत आने की संभावना कम होगी. यहाँ नियम कायदे को ताक पर रखकर सिमेंट की बोरी मे मिट्टी भरकर क्षतिग्रस्त जगहों पर खानापूर्ति कर दी जाती है, जबकि सरकारी प्रावधान के अनुसार एक खास किस्म की बोरी जो जियो कंपनी का वाटर प्रुफ होना चाहिए और उसमें मिट्टी नहीं बल्कि बालू भरकर कटिंग व अवरुद्ध रास्तों को ठीक करने का प्रावधान है. सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया की उक्त बोरी की कीमत लगभग  पच्चीस, तीस रुपये है जबकि विभाग और संवेदक फ्री का सिमेंट बोरी का इस्तेमाल मिट्टी भरकर धडल्ले से करते हैं.श्री राय ने कहा है यह सुशासन की सरकार है जहाँ करप्शन को समाप्त करने की मुहिम चलाई जा रही है ऐसे मे कोई कितना भी रसुखदार हो उसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा, उसे हरहाल मे बेनकाब कर सजा दिलवाना मेरी पहली प्राथमिकता होगी.श्री राय ने जिले के सभी जनप्रतिनिधियों से भी इस मामले संज्ञान लेकर कार्यवाई करने का आग्रह किया है जिसे जनता पांच साल तक के लिए क्षेत्र मे विकास के लिए चुनती है.अगर संबंधित इलाके के जनप्रतिनिधि का ध्यान इसके तरफ़ आकृष्ट नहीं होता है या फिर इनपर कोई एक्शन नहीं लेते हैं तो उन पर भी प्रश्न चिन्ह लगना लाजिमी होगा. श्री राय ने कहा एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते जनता के सामने सच को लाना मेरा कर्तव्य बनता है और दोषियों पर कार्रवाई मेरी पहली प्राथमिकता है ।वही उन्होंने कहा की  कार्ययोजना के विरुद्ध जनहित याचिका भी दायर करूंगा। 

आपदा में अवसर तलाश रहे है ठेकेदार – दक्षिणेश्वर राय